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घर बना रहे हैं तो ये खबर है आपके लिए…पढ़िए कैसे संभव है महा बचत…

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घर बनाना सभी का सपना  होता है , कभी कभी वो भी जीवन के साथ टूट जाता है लेकिन अब आप चाहें तो अपने कम बजट में भी सपनों के महल को तैयार कर सकते हैं।‌‌

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काफी लोग ऐसे भी हैं जो प्लॉट लेकर घर बनाना पसंद करते हैं. दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. हर किसी के लिए ड्रीम होम (Dream Home) न सिर्फ भावनात्मक मसला है, बल्कि यह कई आजादियां भी देता है. अपना घर बनवाना (House Construction) कोई मामूली बात नहीं है.अब तो गांव में भी घर बनवाने का खर्च लाखों में आता है.

सबसे पहला काम अगर आप अपना घर बना रहे हैं एक बात शुरू से ध्यान में रखें एक या दो मंजिला मकान बनाने के लिए बिना पिलर और बीम वाला घर बना सकते हैं इससे सुरक्षा और क्वालिटी में भी कोई फर्क नहीं पड़ता यह आपकी सबसे बढ़ी बचत भी करता है क्योंकि पिलर और बीम से सीमेंट सरिया और बालू यानी बजरी की सीधी बचत की जा सकती है।

अगर आप मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बना रहे हैं तो यह योजना एक बड़ी बचत आपकी करवा सकता है क्योंकि भीम और पिलर अधिकतर मल्टीस्टोरी के लिए बनाए जाते हैं।
दरअसल लोड-बेअरिंग स्ट्रक्चर में फ्रेम स्ट्रक्चर की तुलना में सरिये का कम इस्तेमाल होता है. इसके अलावा भी कुछ अन्य उपाय हैं, जैसे- नॉर्मल ईंट की जगह फ्लाई-ऐश ईंट (Fly Aish Bricks) का इस्तेमाल, लकड़ी के बजाए कंक्रीट की चौखट, शीशम-सागवान के बजाय कहीं ऐसी लकड़ी के फ्रेम है जो काफी सस्ती होती है और टिकाऊ भी।

ऐसे बढ़ाता है फ्रेम स्ट्रक्चर खर्च-

अब ये जानते हैं कि पारंपरिक तरीके से यानी फ्रेम स्ट्रक्चर पर घर बनाने में कितना खर्च आता है । उदाहरण के लिए हम 500 वर्गफीट के प्लॉट को रखते हैं. एक मंजिल का घर बनाने में औसत खर्च 1,500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट बैठता है. इस तरह सामान्य तरीके से 500 वर्गफीट के प्लॉट पर एक मंजिल का मकान बनवाने में करीब 7.50 लाख रुपये का खर्च आएगा.

क्या है टिप्स…

अब टिप्स पर गौर करते हैं. पहला उपाय है एक मंजिल इमारत में लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर में कॉलम और बीम की जरूरत नहीं पड़ती है. इस कारण सरिया की जरूरत सिर्फ छत और छज्जा बनाने में होती है. इसके अलावा सीमेंट और रेत का भी कम इस्तेमाल होता है. इसी तरह सामान्य ईंट की तुलना में फ्लाई ऐश ईंट का इस्तेमाल करते हैं तो यह प्रति यूनिट 4-5 रुपये की बचत कराता है. इसका मतलब हुआ कि ईंट का खर्च लगभग आधा रह जाता है. फ्लाई ऐश ईंट का एक और फायदा ये है कि इनके ऊपर प्लास्टर कराने की जरूरत नहीं होती है. इनके ऊपर सीधे पुट्टी चढ़ाकर पेंट किया जा सकता है. इस तरह से प्लास्टर का और लेबर का दोनों खर्च बचता है. खर्च कम करने का एक अन्य उपाय वर्गाकार निर्माण करना है.

इस तरह से आप एक बेहतरीन और सुरक्षित मकान बढ़ा सकते हैं और उसमें साढ़े 7 लाख की बजाय महज 5 से साढ़े 5 लाख रुपए में उतनी ही मजबूती सुरक्षा और किफायत पा सकते हैं यानी तकरीबन डेढ़ से दो लाख रुपए बचाए जा सकते हैं।

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