कांग्रेस ऐसी पार्टी जहां अल्पसंख्यक और कार्यकर्ताओं का नहीं होता सम्मान….हरप्रीत
पढ़िए पर्दे के पीछे की हकीकत आखिर है क्या….

Ashoka Times…
पांवटा साहिब में अल्पसंख्यक के बड़े चेहरे हरप्रीत सिंह रतन के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले जाने से एक बार फिर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है दरअसल हरप्रीत रतन को कई वर्षों से पार्टी में हासिए पर कर दिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी में सुखराम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हरप्रीत रतन ने कहा कि वह भाजपा में इसलिए आए हैं क्योंकि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को न तो सम्मान मिलता है और न ही आगे बढ़ने के कोई रास्ते खुलते हैं उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक के विकास को लेकर सुखराम चौधरी से विशेष चर्चा हुई उन्होंने आश्वस्त किया कि पांवटा सहित जिला भर के अल्पसंख्यकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा जो भी उनके हक अधिकार हैं वह उन्हें दिए जाएंगे उन्होंने कहा कि वह सिर्फ और सिर्फ अपने अल्पसंख्यक भाइयों के लिए भाजपा में आए हैं क्योंकि अल्पसंख्यकों का कांग्रेस में अब कोई स्थान बाकी नहीं रहा।

वही प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे सुखराम चौधरी ने कहा कि हरप्रीत रतन जिनके परिवार का एक बड़ा की इतिहास है उनका भारतीय जनता पार्टी में स्वागत है और एक नई ऊर्जा अल्पसंख्यक चेहरे के आने से पार्टी को मिली है जो भी चर्चा के दौरान वायदे हरप्रीत सिंह के साथ हुए हैं वह अवश्य पूरे किए जाएंगे और भविष्य में अच्छे पद पर नियुक्ति के अवसर भी दिए जाएंगे ताकि माइनॉरिटी को और अधिक तेजी से विकास मिल सके।
दरअसल हरप्रीत सिंह के दादा स्व. सरदार रतन सिंह पूर्व में संसदीय सचिव हिमाचल प्रदेश का प्रभाव आज भी निहालगढ़ सहित कई बड़ी पंचायतों में हैं आज भी इन पंचायतों में चुनावों के परिणाम हरप्रीत सिंह रतन के घर में बैठकर बनते रहे हैं भले ही पब्लिकली हरप्रीत सिंह कम नजर आते हो लेकिन कई पंचायतों में उनकी पकड़ आज भी बरकरार है। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी पिछले कई वर्षों से अनदेखी का शिकार हो रहे हरप्रीत रतन को अपनी ओर लाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन पार्टी का मुंह कई वर्षों तक नहीं छोड़ पाए जिसके बाद आज उन्हें भाजपा का दामन थाम ना पड़ा है।
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