काला आम स्थित निक्सी लैबोरेट्रीज (Nixi Laboratory) के जीवन रक्षक इंजैकशन सैंपल फेल…पांच की गई थी जान…!
बाजार से तुरंत दवाएं हटाने के निर्देश…प्रदेश ड्रग कंट्रोलर ने साधी चुप्पी…

Ashoka Times….
जिला सिरमौर के काला में स्थित निक्सी लैबरीज की ऑपरेशन के दौरान बेहोश करने वाली दवा के सैंपल फेल हो गए जिसके बाद देश भर के बाजार से इस दवा को टॉप प्रायोरिटी पर वापिस उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
देश प्रदेश में जान की कीमत अब कितनी मामूली रह गई है इसका एक उदाहरण देखने को मिल रहा है

बता दें कि निक्सी लैबोरेट्रीज सिरमौर के कालाआम में स्थित है लगभग 1 महीने पहले पीजीआई चंडीगढ़ में ऑपरेशन के दौरान 5 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें निक्सी लैवेट्रीज की इंजैक्शन इस्तेमाल किए जा रहे थे। ऑपरेशन से पहले एनएसथीसिया के डॉक्टर बेहोशी के लिए निक्सी लैबोरेट्रीज द्वारा निर्मित इंजैक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे। इस दौरान एक नहीं बल्कि 5 अलग अलग मरीजों की मौत से पूरा पीजीआई हिल गया था जिसके बाद जांच में सामने आया कि एनएसथीसिया के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे इन इंजेक्शन को मौतों के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।
PGI में 5 लोगों की मौत के बाद सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन चंडीगढ़ द्वारा निक्सी लैबोरेट्रीज द्वारा निर्मित इंजैक्शन के सैंपल भी उठाए गए थे जो फेल हो गए हैं जिसकी रिपोर्ट 28 सितंबर को प्रदेश सहित देश भर में भेजी गई है। सिर्फ इतना ही नहीं देश की सबसे बड़ी टेस्ट लैब सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन इंडिया द्वारा भी इस दवा के सैंपल्स की जांच की जा रही है ।
अब तक सूचना के तहत बताया जा रहा है कि इस इंजेक्शन में जिस साल्ट का इस्तेमाल किया गया था उसका भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है यह बेहद गंभीर मामला है जिस पर प्रदेश ड्रग कंट्रोलर को भी तुरंत कड़ा संज्ञान लेना चाहिए।
प्रदेश के अधिकारी नहीं कर रहे कड़ी कार्रवाई…
वहीं दूसरी ओर कालाआम स्थित Nixi Laboratory पर अब तक हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है केवल कागजों में कुछ अनियमितताओं की बात लेकर मामले को दबाया जा रहा है जबकि निक्सी लैबोरेट्रीज द्वारा निर्मित दवा से 5 लोगों की मौत के गंभीर आरोप सामने आए हैं जो सख्त कदम अधिकारियों द्वारा उठाए जाने चाहिए थे वह नहीं उठाए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर कई विभागीय अधिकारियों और ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह से बात करने का प्रयास किया गया जानने की कोशिश की गई कि आखिर कंपनी पर ड्रग कंट्रोलर हिमाचल प्रदेश क्या कार्यवाही कर रहे हैं लेकिन इस मामले को लेकर कोई भी अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है सभी का कहना है कि उन्हें इस बारे में किसी भी तरह की कोई बात करने से मना किया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश के बड़े ड्रग नियंत्रक अधिकारी कंपनी मालिक के काफी नजदीकी है।
इस पूरे मामले में राज्य औषधि नियंत्रक विभाग की तरफ से किसी तरह का कोई भी पक्ष आता है तो वह भी प्रकाशित किया जाएगा।
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