इस अनोखी शादी की हो रही हर और चर्चा पढ़िए क्या है पूरी चर्चा का विषय….
Ashoka Times….
शिलाई के गिरि क्षेत्र में अद्भुत और अनोखी शादी देखने को मिली यहां पर चकराता से एक दुल्हन दूल्हे के घर शादी करने के लिए पहुंची।
हजारों साल पुरानी इस परंपरा को निभाने वाले आज भी धरती पर है यह तुम सोच भी नहीं सकता बता दें कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की तहसील चकराता के गांव जगथान से ताल्लुक रखने वाली दुल्हन सुमन जोशी बारातियों के साथ दूल्हे राजेंद्र पांडेय को लेने शिलाई के गांव कुसेनु पहुंची।
शादी में करीब 100 से अधिक बराती शामिल हुए वही दूल्हे के घर ही विवाह की सारी रस्में निभाई गई।
दरअसल हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के तहत गिरिपार क्षेत्र में कुछ ऐसे रीति.रिवाज व परंपराएं है। जिसे आज भी लोग निभा रहे हैं। गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय की भी ऐसे ही कई अनोखी परंपराएं व रीति-रिवाज हैं। इन्हीं में एक गिरिपार क्षेत्र में हाटी समुदाय में वैवाहिक परंपरा जाजड़ा यानी विवाह प्रथा भी शामिल हैं। हालांकि जाजड़ा प्रथा आधुनिक समय में कम होती जा रही है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में यह प्रथा कायम रखी गई है।
दूल्हे के पिता कुंभराम ने बताया कि जाजड़ा परंपरा में ना तो दूल्हा बारात लेकर जाता है और ना दुल्हन के घर में फेरे होते हैं। जाजड़ा प्रथा के तहत अहम बात यह भी रही कि यहां नशे पर पूरी तरह पाबंदी रही। शादी में कोई शराब नहीं परोसी गई। बड़ी बात यह भी रही कि दूल्हे पक्ष की तरफ से दुल्हन पक्ष से दहेज भी नहीं लिया गया। कुल मिलाकर गिरिपार क्षेत्र में यह अनोखी शादी पूरी रस्मोरिवाज के साथ संपन्न हुई।
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