Ashoka Times…3 December
एसपी की ओर से बिना सोचे समझे लिया गया निर्णय न तो सिस्टम के लिए अच्छा है और न ही इस कोर्ट के लिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने एसपी सिरमौर को दोबारा न्यायोचित आदेश पारित करने के आदेश दिए हैं।
अदालत ने अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट 8 दिसंबर को तलब की है। पुलिस भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने गत 15 नवंबर को एसपी सिरमौर को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के मामले में उचित निर्णय लें। याचिकाकर्ता संजय कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 297,34 और 323 के तहत आपराधिक मामला दर्ज है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एसपी सिरमौर की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी की है। खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि वह अपना उत्तरदायित्व समझे और कोर्ट के आदेशों के तहत निर्णय लेने में दिमाग लगाए।
इस मामले के कारण एसपी सिरमौर ने उसे कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी। अदालत ने एसपी को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज अपराध की गंभीरता और प्रकृति पर विचार करे और उसे नियुक्ति देने के बारे में उचित निर्णय लें। किस अपराध के लिए नियुक्ति रोकी जा सकती है और किसके लिए दी जाए, इस बारे में अदालत ने 18 पेजों का निर्णय सुनाया था। दोबारा वही आदेश पारित करने पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे अधिकारी अपने कर्तव्य की जिम्मेदारी निभाएं और विशेष रूप से अदालत के आदेशों के प्रति अपने विवेक का प्रयोग करें।