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Saturday, June 21, 2025

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यूको आरसेटी संस्थान से 30 दिन का निःशुल्क ब्यूटिशियन का कोर्स…

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उठाएं लाभ..

Ashoka time’s…5 March 

भौतिकतावाद के इस युग में महिलाएं महज हाउस वाईफ बनकर घर की चार दिवारी तक ही सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि जीवन में कामयाब बनने तथा आर्थिक संबल के लिये अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को आजमा रही हैं। बेशक धन कमाने का कोई शॉर्ट-कट नहीं है, लेकिन हौंसला और जज्बा हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है। कई कार्य ऐसे भी हैं जिनसे हम अपना शौक पूरा कर, घर के खर्च में पति का हाथ ही बंटा सकती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जब एक हाउस वाईफ स्वरोजगार के उद्देश्य से कोई कार्य आरम्भ करती है तो उसकी पर्सनेलिटी में निखार भी आता है, समाज और परिवार में उसे इज्जत मिलती है और साथ ही वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनती है।

नाहन के समीप देवका पुड़ला पंचायत की देवका गांव की 37 वर्षीय ज्योति शर्मा के यह उदगार उन महिलाओं को प्रेरित करने वाले हैं जो विशुद्ध रूप से हाउस वाईफ का जीवन जी रही हैं और आर्थिक तंगी के बावजूद अपने घर-संसार तक ही सीमित हैं।

ज्योति शर्मा के विचार, उनके उदगार ऐसी महिलाओं को भी प्रेरित करने वाले हैं जिनके परिवार का गुजारा पति की कमाई में बामुश्किल चलता है किन्तु वह चाहकर भी अपने परिवार की आय को बढ़ाने में मदद नहीं कर पाती हैं। वजह यह है कि हर महिला के लिए घर के बाहर निकल कर नौकरी ढूंढना इतना सरल भी नहीं है। यदि कोई नौकरी मिल भी जाए तो महिला को अपनी प्रकृति और शोक के विरूद्ध कार्य करना पड़ता है साथ ही पारिवारिक जिम्मेवारियों से भी समझौता भी करना पड़ता है।

ब्यूटीपार्लर को अपना कैरियर बनाने वाली ज्योति शर्मा कहती हैं कि शादी के बाद घर पर बैठने की बजाये उन्होंने अपने पुराने शोक पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। आज ब्यूटीपार्लर के काम से वह करीब 20 से 30 हजार रुपये मासिक कमा रही है। इससे जहां उनके घर का गुजारा अच्छा चलता है वहीं उनका ब्यूटिशियन बनने का शोक भी पूरा हो जाता है।

ज्योति ने वर्ष 2012 में ब्यूटीशियन का कार्य करना आरम्भ किया था। शुरूआत उन्होंने होम सर्विस के माध्यम से की और धीरे-धीरे उनका यह शोक बड़ा होता गया और आज वह अपना पार्लर चलाती हैं।

सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन शहर की एक तंग सी कुम्हार गली में ज्योति का अपना ‘‘वृंदा ब्यूटी पार्लर’’ चलता है। मुख्य मार्ग से दूर होने के कारण कस्टमर को दुकान तक पहुंचने में दिक्कतें आती हैं। खास तौर पर ब्राईड यानि किसी दुल्हन को जब तैयार करना हो तो शहर की तंग गली में गाड़ी लाने में मुश्किलें आती है। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद ज्योति अपने कार्य में काफी खुश है।

ज्योति का सपना है, उसका अपना ग्रेंड सैलून हो जहां पर अपना शौक भी पूरा करे और उसकी आमदनी में भी इजाफा हो। ज्योति चाहती है कि वह अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट में अपने पति को भी साथ रखे। ज्योति कहती हैं कि हम दोनों पति-पत्नी ने निर्णय लिया कि जल्दी ही हमारे पति भी ब्यूटिशियन का कोर्स करेंगे ताकि जब हम नये प्रोजेक्ट में कार्य करें तो दोनों साथ मिलकर चल सकें। इस नये सैलून को लगाने में करीब 10 लाख रुपये तक का खर्च आंका गया है। ज्योति कहती हैं कि वह अवश्य ही इस टारगेट को पूरा कर लेंगी।

ज्योति का मानना है कि छोटी आयु में विवाह होने के कारण वह अपना शोक पूरा नहीं कर पाई किन्तु अब वह इस शोक को पूरा कर रही है। ब्यूटिशियन के इस कार्य में उन्हें उनके पति संजीव कुमार का पूरा सहयोग मिल रहा है। ज्योति ने अगस्त 2022 में यूको आरसेटी संस्थान से 30 दिन का निःशुल्क ब्यूटिशियन का कोर्स किया है।

ज्योति का कहना है कि वर्तमान में कई लोग ब्यूटिशियन का कार्य कर रहे हैं किन्तु सभी लोग सही प्रकार से प्रशिक्षित नहीं है। यह कार्य काफी संवेदनशील और रिस्की भी है। इसलिए ब्यूटीशियन के नाम पर हर किसी से कार्य करवाने से पहले जरूर सोचना चाहिए। क्योंकि एक बार यदि हम गलत हो गए तो कस्टमर यानि महिला अथवा पुरूष की त्वचा को भारी नुकसान हो सकता है।

ज्योति विभिन्न सामाजिक कार्यों विशेष कर महिलाओं के सामाजिक आर्थिक उत्थान में अग्रणी भाग लेती है। वह कई स्वयं सहायता समूहों से भी जुड़ी हैं जो महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती है।

महिलाओं के लिए अपने संदेश में ज्योति कहती है कि काम करने की ईच्छा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं है, हाउस वाईफ को केवल घर की चार दिवारी तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

यूको आरसेटी संस्थान यानि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान नाहन की निदेशक अमिता शर्मा कहती हैं कि हम भारत सरकार के ग्रामीण मंत्रालय की ओर से महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए कई प्रकार के कोर्स चला रहे हैं जिसमें से ब्यूटीशियन भी एक कोर्स है। ज्योति ने हमारे संस्थान से ही ब्यूटिशियन का कोर्स सीखकर अपना रोजगार खड़ा किया है और यह सराहनीय है। हम उम्मीद करते हैं कि ज्योति के प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमारी और बहने भी इस प्रकार के प्रशिक्षण के लिए हमारे पास आएंगी।

यूको आरसेटी का प्रशिक्षण कार्यालय नाहन में आटीआई के समीप ही मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहां पर करीब कई प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किये जा रहे हैं। महिलाओं को ब्यूटिशियन के अलावा सिलाई-बुनाई आदि कोर्स भी करवाये जाते हैं। डिमांड के अनुसार आवासीय कोर्स भी चलाए जाते हैं जहां पर खाने-पीने और ठहरने की निशुल्क सुविधा संस्थान की ओर से रहती है।

उपायुक्त सिरमौर एवं यूको आरसेटी के अध्यक्ष आर.के. गौतम भी कहते हैं कि सिरमौर जिला में महिलाएं निरंतर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। हम ज्योति को उनके इस कार्य के लिए बधाई देते हैं और अन्य महिलाओं से भी आग्रह करते हैं कि आप लोग भी स्वयंरोजगार के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं और स्वरोजगार से जुड़े कार्य आरंभ करें।

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