यहां सौंपा जाता है विरासत में नशे का कारोबार…दिल्ली से शिमला तक फैला है मकड़जाल…
Ashoka Times…26 जून 23

आज हम आपको बताएंगे पांवटा साहिब में करीब एक दर्जन ऐसे परिवार हैं जो विरासत के अपने बच्चों को नशे का कारोबार सौंपते हैं।
सभ्य समाज में परिवार के लोग जहां बच्चों को विरासत में बेहतर समाज और बेहतर जिंदगी देने का प्रयास करते हैं वही पांवटा साहिब वार्ड नंबर 10 में sahsiyon के 14 ऐसे परिवार हैं जो अपने बच्चों को विरासत में नशे का कारोबार सौंप रहे।
यहां मां बाप से बच्चों को विरासत में नशे का कारोबार दिया जाता है अगर पिता सलाखों के पीछे चला जाए तो पत्नी बेटा बेटी पूरी सक्रियता के साथ नशा बेचने में लग जाते हैं। इस वक्त वार्ड नंबर 9 और 10 में मां बाप ने अपने बच्चों को ड्रग्स का धंधा सौंपा है हालांकि इन के नामों का हम खुलासा न्यूज़ में नहीं कर सकते लेकिन यह सच है कि एक मां ने अपने दो बेटियों को यह विरासत सौंपी है तो वही एक पिता ने बेटे और बेटी को विरासत शॉप पर जिंदगी को अलविदा कहा है।

आखिर कौन है यह परिवार जो बेच रहे ड्रग्स की मौत…
आज हम आपको इतिहास के उस काले अध्याय में लेकर चलते हैं जब यह जाति पांवटा साहिब में आकर बसी थी 1992-95 के बीच शिमला से कुछ परिवार पांवटा साहिब के वार्ड नंबर 10 में आकर रहने लगे उस वक्त उनकी स्थिति बेहद खराब थी बस स्टैंड पर बूट पॉलिश यह परिवार किया करते थे। इन्हें पूरे देश में sahsiyon (कुछ परिवार अपवाद भी हैं) के नाम से जाना जाता है। कुछ महीने बाद अचानक तेजी के साथ शिमला से आकर यहां बसे परिवारों की स्थिति सुधरने लगी कच्चे मकानों से पक्के मकान बनने लगे धीरे-धीरे सामने आने लगा यह नशे के कारोबार में संलिप्त हैं कुछ मामले भी दर्ज हुए. शुरूआती दौर में अवैध शराब का धंधा शुरू हुआ और उसने बाद चरस अफीम और दो दशक पहले चिट्टा तस्करी करने लगे, आज यही परिवार पूरे शहर के साथ-साथ शिलाई, नाहन, रोनहाट, शिमला तक स्मैक गांजा अफीम जैसे खतरनाक मादक पदार्थ सप्लाई कर रहे हैं।
क्या है इन विशेष जाति के लोगों का इतिहास…
यह विशेष जाति से संबंध रखने वाले परिवार दरअसल राजस्थान के गंगानगर से शिमला आए वहां के लद्दाखी मोहल्ले में सबसे अधिक तादाद में ये रहते हैं शिमला में भी ये बड़ी तादाद में स्मैक चरस अफीम जैसे मादक पदार्थों का धंधा करते हैं। लगभग तीन दशक पहले शिमला में एक लैंड स्लाइड हुआ चपेट में आए कुछ परिवारों को सरकार से मुआवजा मिला मुआवजा लेकर कुछ परिवार शिमला से स्थानांतरित होकर पांवटा पहुंचे आज भी शिमला और पांवटा में बसे यह परिवार आपस में नशे के कारोबार को पूरी तरह से संजोए हुए हैं जब कभी भी शिमला में कोई बड़ी कार्रवाई होती है तो बचने के लिए वहां से लोग भागकर पांवटा साहिब पहुंचते हैं और जब पांवटा साहिब में कोई बड़ी कार्रवाई पुलिस करती है तो यह शिमला या चंडीगढ़ के नजदीक इन लोगों की बनी कॉलोनी में स्थानांतरित हो जाते हैं।
आपस में रिश्तेदारी…
पांवटा साहिब में स्मैक और नशे के दूसरे धंधे करने वाले सिर्फ 14 ऐसे परिवार हैं जो आपस में रिश्तेदार है भाई बहन, मां बाप, चाचा ताऊ, बुआ फूफा यह सब इस अवैध कारोबार में संलिप्त हैं मुसीबत पड़ने पर यह एक दूसरे की मदद के लिए तुरंत आ जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वार्ड नंबर 10 में किला नुमा इनके मकान इन्हें पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करते हैं सभी के मकान लगभग एक दूसरे से जुड़े हैं यही कारण है कि इनके घर से किसी भी तरह की मादक पदार्थ को पकड़ना बेहद मुश्किल होता है।
कहां-कहां बसे हैं इनके रिश्तेदार और इस जाति के लोग…
सबसे नजदीक देहरादून में इनकी एक बड़ी कॉलोनी है, चंडीगढ़ (मौली जागरा) में फतेहाबाद में, सबसे बड़ी आबादी दिल्ली में sahsiyon की रहती है वहीं से सबसे बड़ा कारोबार ड्रग्स का चलता है पांवटा साहिब में भी हाल ही में पकड़े गए बाला और इंद्र के करीबी रिश्तेदार दिल्ली से ही इनको ड्रग्स सप्लाई करते हैं। इस बड़े 10 माफिया को कुछ रोज पहले दिल्ली पुलिस इसी मकान से पकड़ कर ले गई थी।
अगर आज की बात करें तो पांवटा साहिब का शायद ही कोई ऐसा वार्ड या ऐसी पंचायत होगी जहां पर ड्रग्स का कारोबार नहीं हो रहा लेकिन अगर केंद्र की बात करें तो वार्ड नंबर 9 और 10 सप्लाई का मुख्य केंद्र है यहीं से वार्ड और पंचायतों में ड्रग सप्लाई की जाती है इसमें ऐसे लोगों का इस्तेमाल किया जाता है जो ड्रग्स के आदि युवा हैं और एक समय के नशे के लिए यहां से वहां तक ड्रग सप्लाई करते हैं।
https://youtu.be/C2OmP2zunnw
अच्छे परिवारों के बच्चे हैं क्लांइट…
आपको बता दें कि पांवटा साहिब के अच्छे परिवारों के बच्चे बड़ी संख्या में ड्रग्स के आदी हो चुके हैं कईं स्कूल कालेज से भी बच्चे स्मैक जैसी खतरनाक ड्रग्स की चपेटे में है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब महिलाएं इस धंधे में उतर कर काम कर रही हैं और पुरुष पांवटा साहिब में स्थापित अपने उप केंद्रों में दक्ष अप्लाई करते हैं और इन ड्रग्स के उप केंद्रों से आसपास के युवा खरीदारी कर इन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करते हैं।
हिमाचल प्रदेश सहित पावटा पुलिस सबसे बड़ी समस्या है कृष के धंधे में महिलाओं का सबसे अगली कतार में खड़ा होना यह महिलाएं खुद को मुसीबत में देख किसी पर भी न केवल हमला कर सकते हैं बल्कि झूठे गंभीर आरोप भी लगा सकती हैं यही कारण है कि पुलिस इन माफियाओं पर हाथ डालने से कतराती।
वही अगर इन ड्रग्स माफियाओं का सफाया पुलिस करना चाहती है तो सबसे ज्यादा जरूरी है आसपास के लोगों को विश्वास में लेना अगर पुलिस लगातार इन पर सख्ती से काम करती है तो आसपास के लोगों को भी विश्वास में लेना आसान होगा।
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