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बिना पहचान पत्र न बदले जाएं 2000 के नोट… पढ़िए क्या है कारण

दिल्ली हाईकोर्ट में भाजपा नेता ने लगाई पीआईएल

Ashoka Times…22 may 23

दिल्ली हाईकोर्ट में भाजपा के नेता द्वारा पी आई एल लगाई गई है जिसमें अपील करते हुए कहा गया है कि ₹2000 के नोट बिना पहचान पत्र के ना बदले जाएं। 

उन्होंने कहा कि संभवता ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए बड़े-बड़े इंडस्ट्री लिस्ट एक बार फिर बैंकों में लंबी लाइन है लगवा सकते हैं।

वही सूत्र बताते हैं कि 2000 के जो नोट भारत सरकार आरबीआई द्वारा छापे गए थे उसमें से तकरीबन 9 हजार करोड रुपए प्रचलन में नहीं आ रहे हैं ऐसा कहा जाता है कि यह नोट टेरर फंडिंग में भी इस्तेमाल हो सकते हैं। 2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया मंगलवार से देश के सभी बैंकों में शुरू हो जाएगी। इस बीच, रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक के बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की है। उन्होंने बिना किसी पहचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है।

इधर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ ना लगाएं। हमने 4 महीने का समय दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए।

दास ने कहा, ’30 सिंतबर की डेडलाइन के बाद भी 2000 के नोट लीगल टेंडर रहेंगे यानी वैध रहेंगे।’ RBI ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। RBI ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है।

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