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पतंजलि के इस प्रोडक्ट में होता है कटल फिश का इस्तेमाल…? वकील बोली स्पष्टीकरण दें 

अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो पढ़िए क्या है पूरा मामला...

Ashoka Times…18 May 23 

यह खबर शायद आपको किसी टीवी चैनल या बड़े प्रिंटेड अखबार में नजर नहीं आएगी मल्टीनेशनल कंपनी पतंजलि को अपने डेंटल केयर प्रोडक्ट में नॉन वेजिटेरियन पदार्थ का इस्तेमाल करने पर लीगल नोटिस भेजा गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी अपने ‘दिव्य दंत मंजन’ में ‘समुद्र फेन’ (कटलफिश) नाम का मांसाहारी पदार्थ यूज करती है।

नोटिस में यह भी बताया गया है कि नॉन वेजिटेरियन पदार्थ के इस्तेमाल के बावजूद उस प्रोडक्ट पर ग्रीन यानी वेजिटेरियन लेबल दिया गया है। पतंजलि को ये लीगल नोटिस एडवोकेट शाशा जैन ने भेजा है। इस नोटिस में कंपनी से 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

कि पतंजलि दिव्या दंत मंजन में समुद्रा फेन यानी कैटलफिश का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि टूथपेस्ट पर ग्रीन लाइन यानी वेजिटेरियन का चिन्ह प्रदर्शित किया जाता है।

अगर आप किसी भी टूथपेस्ट को चेक करते हैं तो उसके एक छोर पर आपको काली लाल ब्लू और ग्रीन लाइन नजर आती है ग्रीन लाइन का मतलब होता है कि इस टूथपेस्ट में किसी भी तरह का कोई भी नॉनवेज वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

पतंजलि द्वारा अपने एक प्रोडक्ट दिव्य दंत मंजन में ग्रीनलाइन दर्शा कर उसमें बड़ी धोखे और चतुराई से कैटल फिश यानी समुद्रा फैन इस्तेमाल करता है और उसे वेजिटेरियन बता कर लोगों को बेचता है।

सासा जैन जो कि नई दिल्ली की जानी-मानी वकील है उन्होंने ट्विटर पर शेयर करते हुए बताया कि पतंजलि को एक लीगल नोटिस जारी किया गया है जिसमें उनसे पूछा गया है कि आपके दिव्य दंत मंजन में ग्रीन लाइन को देखकर हजारों लोग इस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं जबकि इस प्रोडक्ट में कैटल फिश का इस्तेमाल होता है और यह नॉनवेज माना जाता है।

बता दें कि बाबा रामदेव के चेहरे को को लेकर पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पतंजलि के प्रोडक्ट विश्वास के तौर पर खरीदे जाते हैं लेकिन अगर इस तरह का धोखा उपभोक्ता के साथ होता है तो यह बेहद चिंता का विषय है कि इतने बड़े ब्रांड भी इस तरह के धोखे में विश्वास करते हैं।

वही आपको याद दिला देंगे कोरोना काल के दौरान बाबा रामदेव ने बिना परीक्षण और बिना IMA में रजिस्टर्ड करवाएं एक दवा सीधे बाजार में उतार दी थी जिसे कोरोनील के नाम से बेचा जा रहा था और कोरोना का इलाज इस दवा से करने की बात भी रामदेव बाबा ने कई टीवी चैनल्स के सामने की थी लेकिन बाद में केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा इस दवा को बैन किया गया और कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं करवाने को लेकर बाबा रामदेव को नोटिस जारी हुआ था साथ ही बाजार से इस दवा को तुरंत वापिस मंगवाने की भी बात सामने आई थी ‍।

समुद्र फेन क्या है? समुद्र फेन कटल फिश से प्राप्त एक एनिमल प्रोडक्ट है। मछली के मरने के बाद उसकी हड्डी समुद्र के पानी पर तैरने लगती है। जब समुद्र के पानी की सतह पर बड़ी संख्या में हड्डियां एक साथ तैरती हैं, तो दूर से यह समुद्र के पानी के झाग जैसा दिखता है।

Legal notice ….

यह कि मेरे संज्ञान में आया है कि आपकी कंपनी ‘दिव्य दंत मंजन’ में समुंद्रा फेन का धोखे से इस्तेमाल कर रही है और साथ ही साथ इसे शाकाहारी बताते हुए इसे हरे निशान से चिन्हित कर रही है।

2. कि दिव्य दन्त मंजन में समुंद्रा फेन, जो कि एक मांसाहारी सामग्री में आता है, का उपयोग शाकाहारी उत्पाद के रूप में विपणन और बिक्री करते समय उक्त श्रेणी के उत्पादों के लिए उपभोक्ता अधिकारों और लेबलिंग नियमों का उल्लंघन है।

3. कि मेरे परिवार के कुछ सदस्य, रिश्तेदार, सहकर्मी, और मित्र आपके दिव्य दन्त मंजन का उपयोग करते हैं, और जब उन्हें उत्पाद में समुन्द्र फेन के भ्रामक उपयोग के बारे में पता चला तो उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं। मैं खुद आपकी कंपनी के कई उत्पादों का उपयोगकर्ता हूं, लेकिन अब, मैं पतंजलि उत्पादों का उपयोग करने में अनिच्छुक महसूस कर रहा हूं, कम से कम जब तक मुझे इस मामले में आपकी ओर से स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हो जाता।

4.कि आपकी कंपनी के उत्पाद स्वामी रामदेव जी के भारी समर्थन के कारण भारत में व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं, जो शुरुआत से ही कंपनी का चेहरा रहे हैं। लोग स्वामी रामदेव जी के प्रति आस्था पर आंख मूंदकर पतंजलि के उत्पाद खरीदते हैं। आपकी कंपनी से अपेक्षा की जाती है कि वह नैतिकता और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखे, और समुंद्रा फेन युक्त उत्पाद के लिए हरे निशान का उपयोग करना जो एक मछली है, इन मानकों के खिलाफ जाता है।

इसलिए, मैं मांग करता हूं कि आप, अभिभाषक, इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण दें, जिसके विफल होने पर मुझे उचित अधिकारियों और कानून के न्यायालय के समक्ष आपके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जो आपके अपने जोखिम, लागत और व्यय पर होगा।

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