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नशे के कारोबार में संलिप पांवटा साहिब की फार्मा कंपनी और कांग्रेसी नेता ED के रडार पर….

कई क्रेशरों में किया नशे का पैसा इन्वेस्ट… ईडी खोलेगी राज़…

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Ashoka Times….16 January 2025

नशे के बड़े कारोबार में संलिप्त फार्मा कंपनियां पांवटा साहिब में अपना ब्लैक मनी इन्वेस्ट कर रही है। जिसको लेकर केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच शुरू की गई है।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार पांवटा साहिब में स्थित विदित फार्मा कंपनी दवा के नाम पर नशे का कारोबार चला रही थी । जिस पर जम्मू एंड कश्मीर नारकोटिक्स विभाग द्वारा केस अपराध संख्या 02/2024 दिनांक 14.01.2024 मामले में आरोपी नीरज भाटिया गिरफ्तार किया था। अब ईडी ने नीरज भाटिया और उसके पूरे परिवार सहित उनके सभी पार्टनर्स पर नशे के अवैध कारोबार से कमाई गई काली कमाई का हिसाब लगाना शुरू कर दिया है। पांवटा साहिब तहसीलदार को विदित फार्मा और उसके पार्टनर द्वारा इन्वेस्ट किया गया ब्लैक मनी को लेकर जांच सौंपी है।

ईडी द्वारा भेजा गया जांच पत्र…
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बता दें कि नीरज भाटिया सिरमौर ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रहा है यही नहीं पांवटा साहिब के चेंबर ऑफ कॉमर्स को भी यह लाखों रुपए चंदे के रूप में देता रहा है जिसके लिए भी जांच की मांग की गई है। बता दें कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल और दिल्ली में कोडीन बेस सीरप तस्करी का गिरोह करीब 7 साल से कार्य कर रहा था, जिसमें अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इनसे 34 किलो कोडीन बेस सीरप बरामद किया जा चुका है। कई आरोपियों को जमानत मिल चुकी है जिनके जमानत खारिज करवाने के लिए एनसीबी जम्मू इकाई हाई कोर्ट में अपील कर चुकी है। वहीं, विदित हेल्थकेयर उचित दस्तावेज सत्यापन और जमीन पर उनकी उपस्थिति के बिना प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए फर्जी (शेल) कंपनियों को कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति कर रहा था। जांच के दौरान पाया गया कि जनवरी 2024 से विदित हेल्थकेयर ने जांच के तहत एक फर्जी फर्म को तीन लाख COCREX कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति की थी। जिसकी कीमत लाखों रुपए में थी। सबसे बड़ी बात यह है कि देश की युवा पीढ़ी को नशे की दलदल में धकेला जा रहा है।

राजनीति की आड़ में कांग्रेसी नेता कर रहे दलाली….

वहीं दूसरी और हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार जहां एक और नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी कर रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस के ही छोटे-छोटे नेता उपरोक्त फार्मा कंपनियों के लिए दलाली का काम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो पांवटा साहिब कांग्रेस मंडल के अध्यक्ष रहे अवनीत सिंह लांबा उक्त विदित फार्मा कंपनी में पार्टनर हैं और कंपनी की ब्लैक मनी को कई धंधों जैसे क्रशरों में इन्वेस्ट कर रहे हैं। अब ईडी. की जांच के दायरे में वह भी आ गए हैं।

देखें….विदित फार्मा कंपनी का ज़मीनी दस्तावेज जिसमें अवनीत सिंह लांबा भी पार्टनर हैं।

अवनीत सिंह लांबा के खिलाफ भी एनसीबी और ईडी सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों को शिकायतें की गई हैं जिसमें कहा गया है कि आरोपी नीरज भाटिया की विदित फार्मा और 3बी हेल्थ केयर में अवैध रूप से कोडीन कफ सिरप बनाकर सप्लाई किया जा रहा है और नशा तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है पहले भी कई जगह इस कंपनी में बने हुए कोडिंग कफ सिरप को अवैध रूप से तस्करी करते हुए पकड़ा गया है परंतु राजनीतिक पहुंच के चलते कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी।

पुख्ता सूत्रों की मानें तो क्रेशरों में भी काली कमाई हुई इंवेस्ट…..

यह कि अवनीत सिंह लांबा ने विदित फार्मा और नीरज भाटिया के पांवटा साहिब में ओमकारा स्टोन क्रशर गोरखूवाला, मानपुर देवड़ा क्रेशर जोन में स्थित महादेव और नीलकंठ स्टोन क्रशर मतरालियों में स्थित महेंद्र सिंह स्टोन क्रशर में अपने माध्यम से करोड़ों रुपए इन्वेस्ट किए हैं। इसके अलावा पांवटा साहिब के शमशेरपुर में भी नीरज भाटिया और अवनीत सिंह लांबा ने एक कोठी लगभग 4 करोड रुपए में खरीदने के लिए पैसों का एक एग्रीमेंट किया था यह सारा पैसा ब्लैक मनी के रूप में इन्वेस्ट किया जाना था। इतना ही नहीं पुख्ता जानकारी के अनुसार अवनीत सिंह लांबा ने ढिशुम सिनेमा हॉल में भी ब्लैक मनी इन्वेस्ट की है जिसकी जानकारी ईडी को दी गई है।

वहीं ईडी को शिकायत में कहा गया है कि अगर विदित फार्मा कंपनी किशनपुरा पांवटा साहिब जिला सिरमौर की अनैतिक तौर पर ड्रग्स से की गई काली कमाई के करोड़ों रुपए संपत्ति के बारे में जानकारी चाहते हैं तो कथित कांग्रेस नेता अवनीत सिंह लांबा उसके परिवार निवासी वार्ड नंबर 6, मेन बाजार पांवटा साहिब से पूछताछ की जाए साथ ही उनके सभी बैंक खातों को खंगाला जाए, उपरोक्त पार्टनर और दलाल द्वारा विद्युत फार्मा कंपनी किशनपुरा के करोड़ों रुपए इन्वेस्ट किए हैं।

बता दें के कुछ महिनों पहले ही अवनीत सिंह लांबा ने कथित फर्जी कृषक प्रमाण पत्र के आधार पर मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की एक करोड़ 7 लाख रुपए की जमीन खरीदी है। इतनी बड़ी रकम आखिर कहां से आई इसकी भी जांच पहुंचा तहसीलदार कर रहे हैं। वहीं दूसरी और अवनीत सिंह लांबा के पिता देवेंद्र सिंह लांबा ने 32 लाख रुपए से अधिक हिमाचल प्रदेश सरकार के चुकाने हैं। जो आज तक नहीं चुकाए गए हैं जिसको लेकर एसडीएम कार्यालय में पर्यटन विभाग द्वारा मामला दायर करवाया गया है।

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