Ashoka Times…21 November
आज के समय में राजनीतिक पार्टियों के लिए अपने अपने नेताओं की पहचान को किस तरह से कुचला जा रहा है इसका एक उदाहरण कुछ दिन पहले ही देखने को मिला।
विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर उपजे विवाद के बीच कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह भगवा विचारकों पर टिप्पणी करना बंद कर देगी, जिस दिन भाजपा कांग्रेस नेताओं के बारे में झूठ फैलाना बंद कर देगी।
एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने आज कहा, ‘मैं जो कहने जा रहा हूं उसके बाद इस मामले पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए। जिस दिन भाजपा और आरएसएस हमारे नेताओं के बारे में झूठ बोलना बंद कर देंगे, हम उनके नेताओं के बारे में सच बोलना बंद कर देंगे।
दरअसल कांग्रेस के जयराम, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी की टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने सावरकर के अंग्रेजों को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘आपके आज्ञाकारी सेवक’ छत्रपति शिवाजी ने भी मुगल बादशाह औरंगजेब को माफी के छह पत्र लिखे थे। उन्होंने कहा अब इस मुद्दे को खत्म कर देना चाहिए…
क्या है मामला…
राहुल गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र के अकोला में एक सावरकर पत्र को झंडी दिखाकर रवाना किया था, जिसमें उन्होंने कहा, सावरकर ने “दया की भीख मांगी और खुद को अंग्रेजों का आज्ञाकारी सेवक बताया।” इस दौरान राहुल गांधी के साथ उनकी भारत जोड़ो यात्रा में उद्धव ठाकरे के बेटे भी नजर आए।
ऐसा लगता है देश में राजनीतिक पार्टियों ने अपने ही देश के इतिहास पर कालिख पोतने का काम शुरू कर दिया है चाहे भाजपा हो और चाहे कांग्रेस 47 से पहले आजादी के लिए लड़े लोगों पर इस तरह के टिप्पणियां ना केवल इतिहास को बदल रही है बल्कि उस पर एक अलग गहरा रंग भी ऊकेर रही है आने वाले समय में संभवत एक नई पीढ़ी इस पूरे इतिहास को किस तरह से देखती है यह आज की राजनीतिक और उन पार्टियों पर निर्भर करता है जो देश की सर्वोच्च पार्टियां कहलाती है