जीरो रिजल्ट देने वाले शिक्षकों-प्रधानाचार्यों पर गिरेगी गाज…?
हर वर्ष होता है शिक्षकों और प्रधानाचार्यों का ब्योरा तलब… कार्रवाई शुन्य
Ashoka Times…21 May 2025
हिमाचल प्रदेश के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां पर 10वीं और 12वीं के बच्चों का रिजल्ट 0% तक आया है और बेहद निम्न स्तर के भी कई स्कूल जांच का विषय बने हुए हैं।
सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में जीरो और कम रिजल्ट देने वाले स्कूल के टीचर, प्रधानाचार्य हेडमास्टरों का ब्यौरा बोर्ड में तलब किया है विभाग ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में जीरो और कम रिजल्ट वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों, हैडमास्टर और शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय के निदेशक की ओर से जिला उपनिदेशकों को परीक्षा में जीरो, 25% और 50% से कम परिणाम वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों इंक्रीमेंट भी रुक सकती है… खराब रिजल्ट वाले स्कूलों के टीचर के साथ साथ प्रिंसिपल की भी इंक्रीमेंट को रोका जा सकता है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में जीरो और कम रिजल्ट वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों, हैडमास्टर और शिक्षकों का ब्योरा तलब किया, रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही होगी।
जिला अधिकारी को ये निर्देश दिए गए हैं कि उन शिक्षकों जिलावार, श्रेणीवार, जिन्होंने किसी शैक्षणिक वर्ष में न्यूनतम 9 महीने की अवधि के लिए किसी विशेष विषय को पढ़ाया हो के संबंध में निर्धारित परफॉर्मा पर अपेक्षित जानकारी उपलब्ध करवाएं। बोर्ड की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की भी सूची मंगवाई है। साथ ही उन स्कूलों का भी ब्योरा देने को कहा है जहाँ पर टीचर हैं लेकिन रिजल्ट अच्छा नहीं है।
आपको बता दे की हर वर्ष प्राइवेट स्कूल जहां पर एक टीचर की सैलरी 10- 20- 30 हजार से ज्यादा नहीं होती उनका रिजल्ट हंड्रेड परसेंट तक आता है और दूसरी और सरकारी शिक्षक हैं जिनकी सैलरी एक लाख तक हो सकती है उनके रिजल्ट कई बार शून्य और 25 से 30 परसेंट तक सिमट कर रह जाते हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है की जो रिजल्ट 10वीं 12वीं में बच्चों का प्राइवेट स्कूल लाते हैं वही रिजल्ट सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं आ सकता।