अनुसूचित जाति के लिए आज तक नहीं बन पाई सड़क…अब अपनाएंगे आंदोलन का रास्ता….
Ashoka Times….25 August 2024

गिरिपार के रामनगर अनुसुचित जाति के लोग सरकारों से खफा है आज दिन तक उन्हें ना रास्ता, ना सड़क, मुहैया हो पाई है. वहीं दूसरी और विकास के बड़े-बड़े दावे भी यहां पर पूरी तरह से फेल होते नजर आ रहे हैं।
सिरमौर जिला, गिरिपार क्षेत्र, राजपुर पंचायत, रामनगर गांव के अनुसुचित जाति के लोग आजादी के 78 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। यह बस्ती सालों से सरकार की बेरूखी का शिकार हो रही है, सरकार के इस रूवैया के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है। समय रहते अगर गांव वालों की मांग नहीं मांगी गई तो अब ये ही गुस्सा आंदोलन का रूप लेना वाला है। रामनगर के लोग बरसात में कई गांव और शहरों से कट जाता है। गांव को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता अब गडडों में बदल चुका यहां वाहन से रास्ता तय करना तो दूर, पैदल तक चलना मुश्किल हो चुका है।
एक तो टूटा रास्ता ऊपर से इस रास्तें में बहने वाला बरसाती खूनी खडड, जिसे पार करना बरसात के मौसम में अपनी जान हथेली में लेकर चलने जैसा है। लंबे वक्त से गांव वालों की मांग थी कि इस खडड में पुलिया बनाई जाए जिससे खडड में आने वाला पानी भारी तबाही से लोगों को बचाया जा सके। वहीं अगर यह पुलिया बन जाती है तो ईलाज के लिए जाने वाले मरीज समय रहते स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त कर पाएंगे जिसके कारण कईं जानों को बचाया जा सकता है ।

यहां सबसे बड़ी मुश्किल स्कूल के उन बच्चों के सामने है जिन्हें बरसात में ये बरसाती नाला पार करना पड़ता है। वैसे लोगों की चिंता यूं ही नहीं है दरअसल कुछ समय पहले इस नाले में एक युवटक भी बहा था गनिमत रही उस युवक को रेस्क्यू कर लिया गया था, नही तो उसकी जान भी जा सकती थी।ध
अपनी परेशानी बताते हुए रामनगर गांव के किड़वा राम, सिंघा राम, गीता राम, गुमान सिंह ने बताया की सरकार और प्रशासन ने हमें बेसाहरों की तरह छोड़ दिया है वहीं गांव के ही तारा चंद ने बताया की अगर सरकार ने हमारी समय रहते यहां पर पुलिया नहीं बनाई और अगर कोई अनहोनी होती है इसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी वहीं दौलत राम और रमेश चंद, सुंदर सिंह और पत्रकार भीम सिंह ने बताया कि सरकार ने अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया तो हमें आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।