25.3 C
New York
Sunday, June 22, 2025

Buy now

साइंस के साथ धर्म भी कहता है सावन में न खाएं मीट मच्छी शराब… पढ़िए ऐसा क्यों कहा जाता है

Ashoka Times…15 July 23

अक्सर लोग बोलते हैं कि सावन में शराब और मीट मछली का सेवन नहीं करना चाहिए कुछ लोग धर्म के साथ से जोड़ते हैं तो कुछ लोग साइंटिफिक तौर पर इसे मानते हैं लेकिन हमारे धर्म में भी कहीं ना कहीं साइंस काम करती है।

सावन में शराब और नॉनवेज नहीं खाना चाहिए अगर धार्मिक नजरिए से देखें तो सावन शिव का महिना होता है जो इस ब्रह्मांड के सबसे पवित्र और पावरफुल देवता है और इन दिनों में किसी भी तरह के शराब मीट मच्छी के सेवन से बचना चाहिए यह एक धार्मिक आस्था से जुड़ा हिस्सा है तो वहीं दूसरी ओर धार्मिकता के साथ साइंस भी जुड़ी है।

सावन में क्यों छोड़ देना चाहिए शराब मीट मच्छी पढ़िए साइंस के नजरिए से

सावन में क्यों छोड़ देना चाहिए शराब और मीट, साइंस के नजरिए से समझें

सावन में नॉनवेज नहीं खाना चाहिए, साइंस भी ये मानती है. सावन में कई लोग शराब पीना और मीट खाना छोड़ देते हैं, इसके पीछे ज्यादातर लोग धार्मिक तर्क देते हैं, ऐसा माना जाता है कि सावन माह भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह है, ऐसे में शराब पीना और मीट खाना धार्मिक नजरिए से ठीक नहीं होगा, जबकि कुछ लोग ऐसा नहीं मानते और वह शराब और मीट का सेवन करते रहते हैं जो उनके लिए भविष्य में हानिकारक सिद्ध होता है।

सावन में मीट और शराब छोड़ना सिर्फ धार्मिक नजरिए से जरूरी नहीं है, साइंस भी ये मानती है कि सावन में तामसिक यानी कि शराब, मीट, तेल मसाले आदि का प्रयोग कम करना चाहिए. आइए समझते हैं कि क्यों सावन में मीट-मदिरा को छोड़ना जरूरी है।

प्रजनन का माह…

सावन को प्रजनन जाने की ब्रीडिंग का महीना माना जाता है ज्यादातर जीव सावन माह के दौरान ब्रीडिंग करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि हम कोई ऐसा जीव खाएंगे जो प्रेग्नेंट हैं तो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचेगा. इस बात के वैज्ञानिक तथ्य भी हैं, साइंस ऐसा मानती है कि यदि हम प्रेग्नेंट जीव का मांस खाते हैं तो हमारे शरीर में हार्मोनल डिस्टरबेंस होता है जिससे भविष्य में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

कमजोर पाचन शक्ति…

सावन माह में आसमान में बादल जाए रहते हैं, कई-कई दिन तक सूरज के दर्शन नहीं होते, ऐसे में हमारा मेटाबॉलिज्म यानी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. नॉनवेज तामसी भोजन माना जाता है, जो आसानी से नहीं पचता. इससे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होती हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन जाता है।

इंफेक्शन का खतरा…

सावन के मौसम में लगातार बारिश होने की वजह से संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, साइंस ये मानती है कि संक्रामक बीमारियां सबसे पहले जीवों को अपना शिकार बनाती हैं, ऐसे में माना जाता है कि यदि बारिश के मौसम में नॉनवेज खाने से संक्रामक बीमारियों का शिकार होने का खतरा बना रहता है. इसीलिए इस तरह के खाने को छोड़ देने की सलाह दी जाती है।

*संगड़ाह डीएसपी मुकेश कुमार ने यात्रियों को दिया संदेश…*

https://fb.watch/lNXF6zzyX3/?mibextid=Nif5oz

सिर्फ इतना ही नहीं दूध और दूध से बनी चीजों को भी इस मौसम है कम से कम खाने का हजरत किया जाता है क्योंकि इस मौसम में चाहे धांसू या दूसरे पौधे तेजी के साथ लगते हैं गाय भैंस घास के साथ कई जहरीले पौधों को और जहरीले छोटे-छोटे जीवो को भी कई खा जाती है जिसका कुछ अंश गाय भैंस के दूध में भी आ जाता है जो हमारे लिए कई बार घातक सिद्ध होता है।

अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो आप इसे शेयर अवश्य करें ।

आयुर्वेद भी करता है इनकार

आयुर्वेद भी कहता है कि सावन में शराब और मीट छोड़ देनी चाहिए. आयुर्वेद के मुताबिक इस महीने में शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, ऐसे में नॉनवेट और मसालेदार भोजन बीमारियों का कारण बन जाता है. सावन में सोमवार को रहने वाले व्रत को भी इम्यूनिटी और पाचन शक्ति कमजोर होने से ही जोड़ा जाता है।

पूरी तरह ध्वस्त पनार रोड को 72 घंटों में किया शुरू… good work

बच्चे को डंडे से मारने वाली टीचर दोषी करार…3 साल की सजा…

हिमाचल में बड़ा हादसा खाई में गिरने से 5 लोगों की दर्दनाक मौत…

बरसात के साथ-साथ हाथी भी पहुंचे आतंक मचाने… पहले भी ले चुका है महिला की जान…देखते ही करें सूचित…

 

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles