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Saturday, June 21, 2025

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कौन कर रहा हिमाचल सरकार को अस्थिर करने का प्रयास…पढ़िए कैसे हो रही हितों की अनदेखी…

Ashoka Times…10 june 23 

जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से रस्साकसी के दौर में कांग्रेस सरकार एक स्थिति को संभालती है तो दूसरी बिगड़ जाती है इस वक्त सबसे ज्यादा हालात आर्थिक स्थिति को सुधारने के हैं जिसमें बिना केंद्र की मदद लिए स्थिति सुधर पाना असंभव है।

वहीं प्रदेश का विपक्ष पूरी तरह से केंद्र के साथ तालमेल बनाए हुए हैं कब किस वक्त कहां स्ट्राइक करनी है एक एक पल की सूचना दी जा रही है ऐसे में सबसे अधिक नुकसान हिमाचल प्रदेश की जनता का हो रहा है जो विकास की गति होनी चाहिए वह नहीं आ पा रही है आर्थिक रूप से कमजोर होते हिमाचल प्रदेश का धीरे-धीरे दम घुट रहा है और बेहद आश्चर्य की बात है कि हिमाचल के ही बड़े नेता और केंद्र यह होते हुए देख रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के आल्हा नेता अब तक इस बात को अपने गले से नीचे नहीं उतार पा रहे हैं कि जनता ने कांग्रेस को सरकार बनाने का मत दिया है केंद्र की दखलअंदाजी और लगातार आर्थिक रूप से कमजोर किए जाने की स्थिति पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।

बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश का लोन लेने का बजट तकरीबन 40% घटा दिया गया है सिर्फ हिमाचल के साथ ही यह है घटित नहीं हो रहा है पंजाब का भी 35 से 40% लोन लेने की क्षमता को कम कर दिया गया है ऐसे में सरकारी स्थिरता बनाए रखने में हिमाचल पंजाब की सरकारें प्रयासरत है।

छोटे से राज्य पर इतना बड़ा कर्ज…

हिमाचल पर 76 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल पर आज 76 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज हो चुका है। प्रत्येक व्यक्ति पर 94 हजार से भी ज्यादा कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा की देनदारी सरकार के पास कर्मचारियों व पेंशनर की है। इस वजह से प्रदेश में विकास कार्य ठप्प से हो गए हैं।

दरअसल जबसे प्रदेश की जनता ने भाजपा से सत्ता छीन कर कांग्रेस को सत्ता सौंपी है तब से केंद्र सरकार का रुख भी हिमाचल के प्रति एकदम से बदला है हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य को एक के बाद एक झटके दे रही है। केंद्र ने पहले हिमाचल की लोन लेने की सीमा 5% से घटाकर 3 प्रतिशत की। फिर NPS की मैचिंग ग्रांट बंद की। अब फॉरेन फंडिड एजेंसी के प्रोजेक्ट में भी हर साल लोन लेने की सीलिंग लगा दी।

केंद्र सरकार की बेरुखी से इसका असर आगामी दिनों में कृषि, बागवानी, टूरिज्म, वन विभाग, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग के विभिन्न प्रोजेक्ट की फंडिंग पर पड़ेगा, क्योंकि वर्ल्ड बैंक, ADB (एशियन डेवलपमेंट बैंक), NDB (न्यू डेवलपमेंट बैंक), जीका (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) सहित विभिन्न एजेंसियों की सहायता से हिमाचल में आधा दर्जन प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

अकेले बागवानी क्षेत्र के लिए 1134 करोड़ रुपए का हॉर्टीकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट 1700 करोड़ से ज्यादा की शिवा परियोजना और कृषि के लिए 1500 करोड़ से ज्यादा का जायका प्रोजेक्ट चल रहा है। इसी तरह दूसरे विभागों में भी विभिन्न एजेंसियों से फंडिड प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

पुराने प्रोजेक्ट को 4000 करोड़ की सीलिंग

केंद्र ने पहले से चल रहे इन प्रोजेक्ट पर भी सालाना 4000 करोड़ से अधिक बजट नहीं देने और नई परियोजनाओं पर 3000 करोड़ से अधिक बजट नहीं देने की सीलिंग लगा दी है। इससे सुक्खू सरकार की आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़नी तय है।

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