कुछ पंचायतें मापदंड पूरा नहीं करती इसलिए जनजाति है क्षेत्र से बाहर… सुखराम
Ashoka Times…
भगानी में 51 परिवारों ने भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर व शहर में हुए विकास कार्यो को देखते हुए कॉंग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। सभी का भाजपा परिवार में हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन। इस दौरान हमारे साथ जिला परिषद उपाध्यक्ष अंजना शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रही इसकी जानकारी रोहित चौधरी ने मिडिया से सांझा की है।
वही ऊर्जा मंत्री चौधरी सुखराम ने कहा कि गिरीपार की जिन 11 पंचायतों को हाटी जनजाति के नाम से दर्जा मिला है वह अपने 5 मापदंडों के आधार पर हाटी बनाए गए हैं शेष गिरी पार की पंचायत उन मापदंडों को पूरा नहीं करती हैं परंतु क्षेत्र को जब शेड्यूल एरिया बनाया जाएगा तो उसमें शेष पंचायते भी लाभान्वित होंगी ।
गिरीपार की कई पंचायतें जनजातीय दर्जे से रह गई मेहरूम…ऊर्जा मंत्री दें जवाब…मनीष
यह पंचायतें मानपुर देवड़ा, गोरखूवाला, पूरूवाला, सालवाला, डोबरी, कंडेला, सिंहपुरा, भंगानी, खोदरी माजरी आदि हैं जिन्हें केंद्र और राज्य सरकार से क्षेत्र की उन्नति के लिए अतिरिक्त बजट उपलब्ध होगा जोकि इस क्षेत्र की सभी पंचायतों की जनसंख्या के अनुरूप 31000रू पर हेड के हिसाब से होगा। सभी राजनेताओं से अनुरोध करूंगा कि हाटी मुद्दे पर लोगों में अवधारणा पैदा ना करें।
दो पहिया वाहन को ही फूल भेंट कर मीडिया की सुर्खियां क्यों बटोरते हैं अधिकारी…
परिवारों के सदस्यों के नाम गुलजारी, गुरमुख, सुरजीत सिंह, बतना, कालू राम, अजमेर सिंह, राजेश कुमार, अली खान, सोएब, मासूम अली, इरफान अली, कमालुदीन, रजाक, यशवंत सिंह, प्रमोद कुमार, नाजिम, शमशाद अली, परमजीत सिंह, नया सिंह, ओम प्रकाश, इलम सिंह, जगमोहन सिंह, मुकंद लाल, महेश कुमार, बहादुर सिंह, धर्मवीर सिंह, नन्दलाल, हरविंदर सिंह, हरिदास, सुखदेव, अनवर, असलम, भठी सिंह, परमजीत कौर, जयचंद, ईश्वर सिंह, अमित सिंह, अनुज, शुभम, पदम सिंह, जियाराम, गुरमीत सिंह, परमा देवी, संदीप सिंह, कमलजीत सिंह, रविंदर सिंह, शशि पाल, मदन लाल, सुमित कुमार, परमजीत सिंह, सतनाम सिंह, नवप्रीत सिंह है।