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Monday, August 4, 2025

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मुख्यमंत्री सुक्खू और शिलाई विधायक के खिलाफ लगे मुर्दाबाद के नारे…वजह जान कर आ जाएगी शर्म…

Ashoka Times…25 may 23 

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले इस कहावत को अब शिलाई में पूरी तरह से पलट दिया गया है अब शिलाई में शहीदों की चिताओं पर मेले नहीं लगते । आरोप हैं कि स्थानीय विधायक के इशारों पर सबूत बलिदानी शहीद कल्याण सिंह याद में लगाए जाने वाले मेले को पूरी तरह से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए हैं कि उद्योग मंत्री और स्थानीय विधायक हर्षवर्धन चौहान द्वारा प्रशासन पर दबाव डालकर इस मेले को प्रभावित किया जा रहा है जबकि यह मिला पिछले 23 सालों से लगातार मनाया जा रहा है।

उधर शहीद कल्याण सिंह की बेटी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि उनके शहीद पिता की शहादत को मिट्टी में मिलाया जा रहा है पूरे देश में शायद शिलाई ऐसा पहला क्षेत्र है जहां पर एक शहीद की याद में मनाए जा रहे मेले को ध्वस्त किया जा रहा है उन्होंने कहा कि इस पूरे मेले की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और उनके कार्यकर्ताओं को निभानी चाहिए थी लेकिन वही सबसे बड़ा रोड़ा बन कर बीच मैदान में बैठ गए हैं उन्हें इतना भी एहसास नहीं है कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले कल्याण सिंह की याद में इस मेले पर राजनीति करना प्रदेश सरकार की छवि को कैसे दाग लगाएगा।

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शिलाई विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हलांह में पिछले 23 सालों से अविरल मनाया जा रहा शहीद कल्याण सिंह मेला कुटिल राजनीति की भेंट चढ़ गया है।

बता दें कि शहीद कल्याण सिंह मेला कमेटी द्वारा इस बार जुलाई महीने की जगह 24 मई से 26 मई तक लगाने का निर्णय लिया गया था। ऐसा इसलिए जरूरी था, क्योंकि जुलाई महीने में अकसर अधिक बरसात रहती है और मेले का आनंद अधूरा रह जाता है। साथ ही मेले के दौरान करवाई जाने वाली खेल प्रतियोगिताएं, जहां अच्छे से नहीं करवाई जा सकती हैं, वही खिलाडिय़ों को अपना हुनर निखारने का पूरा मौका नहीं मिल पाता है, लेकिन इस बार लोगों का आनंद और युवाओं के खेल राजनीति की भेंट चढ़ गए हैं।

यहां प्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के लोगों द्वारा टूर्नामेंट का बहिष्कार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इसकी सबसे बड़ी वजह है हलांह के प्रधान पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया, जिसकी टीस कांग्रेस खेमे में अभी भी बरकरार नजर आ रही है। राजनीतिक खुन्नस शहीद कल्याण सिंह मेले में निकलना शुरू की गई है।

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वही स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए हैं कि चाहे डीसी हो या एसडीएम सभी लोग उद्योग मंत्री के दबाव में काम कर रहे हैं शहीद की शहादत को पूरी तरह से भुलाकर उनके सर्वोच्च बलिदान को मिट्टी में मिलाया जा रहा है और शहीदों की चिताओं पर फूल चढ़ाने वाले हाथ खड़े तमाशा देख रहे हैं।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्वोच्च बलिदानी शहीद कल्याण सिंह के इस मेले को प्रदेश सरकार उद्योग मंत्री और जिला प्रशासन द्वारा करवाया जाना चाहिए था लेकिन उस रास्ते से केवल और केवल राजनीति बाहर निकल कर आ रही है फिलहाल एक सर्वोच्च बलिदान और शहीद की याद में लगने वाले मेले पर राजनीति का स्तर इतना गिर सकता है यह आम आदमी कभी सोच भी नहीं सकता है। हमें लगता है कि शहीद किसी भी राजनीतिक पार्टी का नहीं होता बल्कि वह पूरे देश का बलिदानी होता है।

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