क्या भारत का पाकिस्तान के प्रति रवैया नर्म हो रहा है…ये वही विदेश मंत्री हैं जिन्होंने प्रधान मंत्री को कहा था…
Ashoka Times…4 May 23

इसे भारत का रुख नर्म हो जाने के लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए। भारत अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता निभा रहा है। संबंधों से इतर इस सम्मेलन में पाकिस्तान को बुलाना भारत की प्रतिबद्धता है। भारत सरकार ने अपना बयान जारी किया है। अखिर भारत सरकार को यह बयान जारी करने की क्या जरूरत थी भारत का विपक्ष सरकार से कह रहा है कि पाकिस्तान के साथ तब तक किसी तरह तालुका ना रखा जाए जब तक सीमा पर जवानों के साथ लहसुन की बदबू और कश्मीर में आतंकवादी भेजने पर रोक न लगाए।
भारत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री गुलाब फोटो के आने के पहले अपना एक आधिकारिक बयान दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत का पाकिस्तान के प्रति रवैया बिल्कुल भी नहीं आता आपको बता देते 2011 के बाद यह पहली बार ऐसा हुआ है विदेश मंत्री पाकिस्तान भारत की सरजमीं पर वार्तालाप के लिए पहुंचे हैं।
PM नरेंद्र मोदी को कहे थे अपशब्द…

इमरान खान के तख्तापलट के बाद बिलावल को अप्रैल 2022 में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और वो पाकिस्तान के सबसे कम उम्र के विदेश मंत्री बने।
अप्रैल 2022 में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और वो पाकिस्तान के सबसे कम उम्र के विदेश मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने लगातार बचकाने बयान देने शुरू कर दिए । बिलावल भुट्टो ने दिसंबर 2022 में PM मोदी पर टिप्पणी की थी।
बता दें कि 2022 में बेहद शर्मनाक बयान बिलावल भुट्टो द्वारा किया गया था जिसमें उसने कहा था कि “ओसामा बिन लादेन मर चुका है पर ‘बुचर ऑफ गुजरात’ जिंदा है और वो भारत का प्रधानमंत्री है। जब तक वो प्रधानमंत्री नहीं बना था तब तक उसके अमेरिका आने पर पाबंदी थी।” इसके बाद उनकी कड़ी आलोचना हुई और भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया।
आखिर में जानेंगे कि बिलावल भुट्टो के SCO बैठक में शामिल होने के क्या मायने हैं?
भारत इस समय शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का अध्यक्ष है। इसी लिहाज से भारत ने सभी सदस्य देशों को आमंत्रण भेजा है। पाकिस्तान भी उन्हीं में से एक है। ऐसे में एक्सपर्ट्स और भारत के आधिकारिक बयान पर गौर करना चाहिए।
यह कार्यक्रम किसी भी तरह से द्विपक्षीय जुड़ाव को लेकर नहीं है। दोनों देश बहुपक्षीय मंचों पर बातचीत…
• यह कार्यक्रम किसी भी तरह से द्विपक्षीय जुड़ाव को लेकर नहीं है। दोनों देश बहुपक्षीय मंचों पर बातचीत करते रहे हैं और SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक ऐसा ही एक अवसर है। भारत का आधिकारिक बयान
सैन्य इतिहासकार मंदीप सिंह बाजवा
वहीं भारत के इतिहासकार और सेना जानकार ने कहा कि पाकिस्तान में रक्षा मंत्री की बहुत नहीं चलती है। वहां बड़े फैसले सेनाध्यक्ष ही करता है। कई मामलों में PM से भी ज्यादा सेनाध्यक्ष की चलती है। ऐसे में बिलावल से बहुत उम्मीद नहीं लगानी चाहिए। भारत को कोई संवाद करना है तो पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष से करना चाहिए।
याद दिला दें कि 2011 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आए थे तो उस वक्त देश के कई बड़े विपक्षी नेताओं ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ किसी तरह का कोई भी रिश्ता भारत को नहीं रखना चाहिए जब तक कि वह हमारी सीमाओं पर जवानों के साथ हो क्रुरता कर रहा या कश्मीर में आतंकवादी भेज रहा है।
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