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पढ़िए रुद्राक्ष में क्या वाकई होती हैं अद्भुत वैज्ञानिक शक्तियां….

रुद्राक्ष रहस्य हजारों साल पहले हुआ सत्यापित…आज वैज्ञानिक मान रहे चमत्कार…

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Ashoka Times…3 May 23

रुद्राक्ष की शक्तियों को लेकर हजारों साल पहले सत्यापित किया जा चुका है जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि सनातन अध्यात्म और विज्ञान दोनों का पूरक है दरअसल रुद्राक्ष में कौन सी अद्भुत शक्तियां हैं आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे।

रुद्राक्ष एक ऐसी प्रकृतिक संपदा है जो आप को छूते ही अपनी शक्तियों का एहसास करवा देता है, रुद्राक्ष से निकलने वाला आवेग मस्तिष्क में कुछ केमिकल्स को प्रोत्साहित करता है, इससे शरीर का चिकित्सकीय उपचार होता है। शायद यह भी एक कारण है कि रुद्राक्ष के शरीर से स्‍पर्श होने से लोग बेहतर महसूस करते हैं।

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रुद्राक्ष को जब हम अपने गले में धारण करते हैं तो इससे कुछ चुंबकीय शक्ति निकलती है जो हमारे हृदय की धड़कन और उसके आसपास के क्षेत्र में अपनी चुंबकीय शक्ति से आपके ब्लड प्रेशर और धड़कनों को बेहतर करता है। दरअसल कीमोफार्माकोलॉजिकल विशेषताओं के कारण यह हृदयरोग, रक्तचाप एवं कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रण में प्रभावशाली है। मनुष्य के तंत्रिका तंत्र पर भी रुद्राक्ष विशेष प्रभाव डालता है एवं संभवत: न्यूरोट्रांसमीटर के प्रवाह को संतुलित करता है। इसके अलावा वैज्ञानिकों द्वारा इसका बायो केमिकल विश्लेषण कर इसमें कोबाल्ट, जस्ता, निकल, आयरन, मैग्नीज, फास्फोरस, एल्युमिनियम, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम, सिलिका एवं गंधक तत्वों की उपस्थिति बताई गई है ।

विदेशों में भी साबित हुआ वैज्ञानिक आधार….

इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के वैज्ञानिक डॉक्‍टर डेविड ली ने अनुसंधान के बाद बताया कि रुद्राक्ष विद्युत ऊर्जा के आवेश को संचित करता है जिससे इसमें चुंबकीय गुण विकसित होते है। इसे डाय इलेक्ट्रिक प्रापर्टी कहा गया। इसकी प्रकृति इलेक्ट्रोमैग्नेटिक व पैरामैग्नेटिक है एवं इसकी डायनामिक पोलेरिटी विशेषता अद्भुत है।

क्या है दो मुखी और 5 मुखी रुद्राक्ष…

पंचमुखी रुद्राक्ष सबके लिए एक बेहतरीन विकल्प है इससे आपका रक्तचाप संतुलित रहता है आपका स्नायु सिस्टम हमेशा अपडेट रहता है आपको हल्का पन महसूस होगा अगर आप अपने दिनचर्या में इसके नियमों का पालन करते हैं तो आप 1 सप्ताह के भीतर इससे निकलने वाली चुंबकीय शक्तियों का एहसास कर पाएंगे।

2 मुखी रुद्राक्ष आंखों की समस्या ह्रदय किडनी लीवर इन सभी पर प्रभाव डालता है इनकी स्थिति को चुंबकीय शक्तियों से बेहतर करता है आपको कई छोटी समस्याओं से निजात दिलाता है।

वही बता दें कि 1 मुखी और 14 मुखी रुद्राक्ष सबसे अधिक रेयर माना जाता है और इसकी चुंबकीय शक्ति अभी सबसे अलग और शक्तिशाली मानी जाती है।

सेंट्रल काउंसिल ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च नई दिल्ली में 1966 में आयुर्वेदिक औषधि में प्रकाशित किया गया अस्सी के दशक में बनारस के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने डॉ. एस. राय के नेतृत्व में रुद्राक्ष पर अध्ययन कर इसके विद्युत चुंबकीय, अर्धचुंबकीय तथा औषधीय गुणों को सही पाया।

भारतीय वैज्ञानिक डॉ. एस.के. भट्टाचार्य ने 1975 में रुद्राक्ष के फार्माकोलॉजिकल गुणों का अध्ययन कर बताया कि कीमोफार्माकोलॉजिकल विशेषताओं के कारण स्नायुतंत्र (नर्वस सिस्टम nervous system) पर भी यह प्रभाव डालता है एवं संभवत: न्यूरोट्रांसमीटर्स के प्रवाह को संतुलित करता है।

किस चीज से बना है रुद्राक्ष…

वैज्ञानिकों द्वारा इसका जैव-रासायनिक (biochemical बायो कैमिकल) विश्लेषण कर इसमें कोबाल्ट, जस्ता, निकल, लोहा, मैग्नीज़, फास्फोरस, एल्युमिनियम, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम, सिलिका एवं गंधक तत्वों की उपस्थिति देखी गई। इन तत्वों की उपस्थिति से घनत्व बढ़ जाता है एवं इसी के फलस्वरूप पानी में रखने पर यह डूब जाता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ विशेष नियम निर्धारित किया गया जिन्हें आप को हर हाल में निभाना होता है रुद्राक्ष के साथ आप तामसिक भोजन का इस्तेमाल नहीं कर सकते जैसे मदिरा मांस मच्छी… इसके साथ आपको सात्विक भोजन ही लेने का विशेष नियम रहता है ।

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