एक लाख से अधिक दलित एकता से घबराए जयराम… दिया विशेष ब्यान
Ashoka Times…
गिरी पार क्षेत्र में दलितों के अधिकारों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है बल्कि सिर्फ हाटी समुदाय को ट्राइबल स्टेटस दिया गया है यह बड़ा बयान जयराम ठाकुर ने दिया है। इस पर दलित नेताओं ने कहा कि यह अनुसूचित जनजाति के लोगों की बड़ी जीत है।
मोदी कैबिनेट ने जो फैसला लिया है उसमें उनके आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नही की गई है. बता दें कि इसमें भी स्वर्ण जातियों को जैसे ब्राह्मण राजपूत और दलितों को छोड़कर सभी को जनजातीय दर्जा दिया गया है जबकि स्वर्ण सभी को जनजाति दर्जा देने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने संविधान के हिसाब से फैसला लिया है.
सरकार के मुताबिक ट्रांसगिरी में रहने वाले दलित राजपूत और ब्राह्मणों को छोड़कर सभी को जनजातीय दर्जा दिया गया है। दलित संगठनो ने इसे अपनी जीत बताया है,उनका कहना है कि वह अपना हक मांग रहे थे जिसके साथ सरकार ने कोई छेड़छाड़ नही की है।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस बात को साफ किया है कि केवल गिरी पार क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोगों को ट्राइबल घोषित किया गया है बल्कि इस पूरे क्षेत्र को ट्राइबल क्षेत्र का दर्जा नहीं दिया गया है फिलहाल अनुसूचित जातियों के हक सुरक्षित रखे गए हैं इन पर लागू आरक्षण जारी रहेगा जिस तरह पहले कानून नियम रहे थे वही कानून नियम लागू रहेंगे।
जनजाति वर्ग मे करीब एक लाख साठ हजार लोगो को शामिल किया गया है। बाकि दलित समुदाय को जनजाति दर्जा न देकर अनुसूचित जाति ही रहने दिया गया है।
वहीं क्षेत्र के कद्दावर नेता बलदेव तोमर ने कहा कि किसी का भी हक नहीं मारा जाएगा सभी को उनके हक मिलेंगे प्रदेश और केंद्र सरकार में बैठे लोग बेहद बारीकी से काम कर रहे हैं इसलिए कोई भी चाहे वह स्वर्ण हो या दलित चिंता ना करें और घबराए नहीं।
कहा जा रहा है कि जिस तरह से दलित एकजुट होकर मंच पर आए हजारों की तादाद में उन्होंने ट्राइबल क्षेत्र का विरोध किया परिणाम स्वरूप दलितो के आंदोलन से सरकार घबरा गई थी, उसे लगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव मे इसका नुकसान होगा, लिहाजा अनुसूचित जाति के आरक्षण को बरकरार रखा गया है।
ट्रांसगिरी में करीब एक लाख दलित है जो ट्राईबल स्टेटस का विरोध कर रहे थे. उनकी सबसे बड़ी मांग एट्रोसिटी एक्ट बरकरार रखने की है.यह पता नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही पता चलेगी की वो एक्ट निष्कृय होगा या जारी रहेगा. दलित संगठन नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे है. उसके बाद ही वह अगली रणनीति बनाऐगे.
फिलहाल दलितो ने आने वाले चुनाव में मोदी और जयराम सरकार का बायकॉट का फैसला लिया है इस बात के बारे आने वाले दिनो मे चर्चा होगी की आंदोलन खत्म करेगे या आगे बढेगा. दलित संघर्ष समिति एक दो दिन मे फैसला ले सकती है.