निशांत का परिवार मानसिक सदमे में…
Ashoka Times…24 June 2024
हिमाचल प्रदेश में उस वक्त माहौल गर्मा गया जब अतिरिक्त कंट्रोलर निशांत सरीन के दफ्तर और कई अन्य ठिकानों पर ईडी ने रेड़ की, लेकिन इस रेड़ में ईडी को खाली हाथ लौटना पड़ा है।
हिमाचल प्रदेश में ईडी की कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं। अतिरिक्त ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के ठिकानों पर हुई रेड में ईडी के हाथ खाली रहे हैं कोई ठोस सबूत ईडी को भ्रष्टाचार या पैसे के लेनदेन के नहीं मिले हैं। धर्मशाला में तैनात प्रदेश सरकार के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के ठिकानों पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की दो दिन चली जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। ईडी की टीम ने उनके घर और दफ्तर की गहन तलाशी ली, लेकिन ना ही कोई नकदी, ना सोना-चांदी और ना ही कोई आपत्तिजनक दस्तावेज सामने आये।
अन्य अधिकारियों और उद्योगपति के यहां भी कार्रवाई रही निष्फल…
ईडी ने इस मामले में एक साथ डॉ. कमल खन्ना और उद्योगपति विनय अग्रवाल के यहां भी समानांतर कार्रवाई की, लेकिन वहां भी भ्रष्टाचार से संबंधित कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। इससे साफ है कि यह पूरी प्रक्रिया एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी, जो न केवल अधिकारियों को बल्कि सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकती थी।
एक पूर्व ड्रग कंट्रोलर और काला आम के एक उद्योगपति पर साजिश का संदेह….
सूत्रों की मानें तो यह पूरा षड्यंत्र एक पूर्व ड्रग कंट्रोलर और काला आम के एक कथित दवा उद्योगपति के इर्द-गिर्द घूमता है। यही वो व्यक्ति बताया जा रहा है, जिसने पूर्व में उद्योगपति विनय अग्रवाल को फर्जी डीआईजी बनाकर झूठे केस में फंसाने की साजिश की थी, जिससे उन्हें हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है।
निशांत सरीन ने कहा – ईमानदारी से कर रहा हूं काम, परिवार को पहुंचा मानसिक आघात
निशांत सरीन ने कहा कि दो दिन की ईडी कार्रवाई के बाद यह साबित हो गया है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे। हालांकि, इस कार्रवाई से उनके बुजुर्ग माता-पिता और पूरे परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है, जिसकी भरपाई आसान नहीं।
वहीं दूसरी और जिला सिरमौर में ड्रग्स अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में जरूर है। जिस तरह से पांवटा साहिब में 35 लाख नशीली दवाएं एक फार्मा गोदाम से पकड़ी गई। आपको बता दें कि ड्रग्स विभाग दिल्ली और पंजाब द्वारा जिस व्यक्ति को ब्लैक लिस्टेड किया गया था और पुलिस ढूंढ रही थी उस व्यक्ति को पांवटा साहिब में Embit Bio Medix के नाम से दवाओं को बेचने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया और पंजाब नारकोटिक्स विभाग द्वारा पांवटा साहिब के सूरजपुर में 35 लाख नशीली गोलियां बरामदकर बड़ी कार्रवाई अमल में लाइ गई।