पांवटा से कांग्रेस प्रत्याशी टिकट फाइनल नहीं होने से कार्यकर्ता असमंजस में…
पढ़िए कुछ दिलचस्प राजनीतिक बातें

Ashoka Times…21 अक्तूबर
पांवटा साहिब कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है अब तक पूरी तरह से यह साफ नहीं हो पाया है कि पांवटा साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी कौन होंगे।
पांवटा साहिब कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कार्यकर्ता यह तक तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर किसके साथ जाकर काम करें।

बता दें कि स्टेट में पांवटा साहिब से गए नामों में से अब सीईसी में केवल 2 नाम बचे हैं जिन पर सहमति होनी बाकी है यह नाम किरनेश जंग और हरप्रीत सिंह रतन का है लेकिन अब तक इन नामों पर संशय बना हुआ है।
वही सूत्र बता रहे हैं कि किन्ही कारणों से सीईसी द्वारा इस सीट पर अभी मंथन बाकी है अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इस सीट से कब नाम का खुलासा होगा और कौन निर्दलीय की लड़ाई लड़ेगा।
हरप्रीत सिंह रतन….
बता दें कि हरप्रीत सिंह रतन पूर्व में विधायक स्वर्गीय रतन सिंह के पोत्र हैं पांवटा साहिब के बड़े व्यवसाई हैं और गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी हैं उन्हें राजनीति विरासत में मिली है हालांकि साधारण व्यक्ति हैं राजनीति के विषय पर ज्यादा कुछ नहीं जानते क्या ठीक है और क्या गलत सरदार रतन सिंह की तरह वह भी साधारण और सीधी बात करते हैं। अगर इस बार हरप्रीत रतन को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो मुस्लिम और सिख कम्युनिटी की वोटों का ध्रुवीकरण नहीं हो पाएगा।
किरनेश जंग….
वहीं अगर किरनेश जंग चौधरी की बात करें तो आज तक उन्होंने 6 बार चुनाव लड़ा है जिसमें निर्दलीय 2012 में चुनाव लड़ा और सुखराम चौधरी को तकरीबन 700 मतों से हराया। अगर साहस और धैर्य की बात करें तो 5 बार चुनाव हारने के बाद छठी बार जंग ने लड़ाई जीती जिसके बाद उन्होंने पांवटा साहिब का काफी विकास भी करवाया। वहीं अगर किरनेश जंग को टिकट मिलती है तो उनका पिछले वर्षों का अनुभव और टीम वर्क उन्हें जीत के नजदीक पहुंचा सकता है।