युद्ध अभ्यास…बजता रहा सायरन जलती रही लाइटें… क्या हम युद्ध के लिए तैयार हैं…
शिमला में नहीं हुआ ब्लैकआउट… कैसे होगी नागरिकों की सुरक्षा…

Ashoka Times….7 May 2025
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए युद्ध से पहले ब्लैक आउट का अभ्यास किया जा रहा था शिमला में जो कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी है 7:00 बजे के करीब जब सायरन बजा लेकिन किसी प्रकार का ब्लैकआउट देखने को नहीं मिला।
यह एक बड़ा सवाल है कि जब देश युद्ध के काले बादलों के तले खड़ा है ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देश तुरंत पालन किए जाने चाहिए लेकिन शिमला जो कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी है वहां पर शाम 7:00 बजे जब युद्ध अभ्यास सायरन बजाया गया तो ब्लैक आउट की जगह पूरा शिमला लाइटों से जगमगाता रहा, यह एक बड़ी चूक है और इस तरह की चूक आम नागरिकों पर बेहद भारी पड़ सकती है। अगर हम कहें तो पूरे देश भर में एक समय पर ब्लैकआउट का प्रावधान केंद्र सरकार द्वारा किया गया था, चीफ सेक्रेटरी हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके शिमला जैसी संवेदनशील जगहों पर ब्लैक आउट दूर-दूर तक देखने को नहीं मिला। 7:00 बजे सायरन बजने के बावजूद पूरा शिमला लाइटों से जगमगाता रहा।

अब यह सोचने वाली बात है कि देश के नागरिक अगर इस तरह अपना दायित्व निभाएंगे तो जान माल का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। यह भी नहीं कहा जा सकता कि अगर युद्ध होता है और समय पर ब्लैकआउट नहीं किया जाता तो जान माल का कितना नुकसान होगा अभी तक आम आदमी इस बात को नहीं समझ पा रहा है।
आपको बता दें कि कई मीडिया कर्मी शिमला के ब्लैकआउट को देखने के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्र में गए थे और वहां से लाइव किया गया 7:00 बजे सायरन बजता रहा लेकिन शिमला ब्लैकआउट नहीं हो पाया । ये चिंतनीय है कि आखिर आम आदमी ही युद्ध के मंडराते बादलों के बीच सख्ती से निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो जान माल की बड़ी हानि को कैसे रोका जाएगा। इसलिए हर व्यक्ति को हर नागरिक को यह समझना होगा कि ब्लैक आउट का मतलब है ब्लैकआउट आसमान में उड़ने वाले बेहद खतरनाक लड़ाकू विमान जब रोशनी वाले क्षेत्र पर बम बरसते हैं तो इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता की किस हद तक बर्बादी और जान माल हो सकता है। हमें लगता है कि हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश भर के उन सभी 300 के करीब जिलों के नागरिकों को ब्लैकआउट का मतलब समझना होगा।
आपको बता दें कि यूक्रेन इजरायल जैसे देशों में 15 से 20 सेकंड में पूरे देश में ब्लैकआउट हो जाता है यही कारण है कि वहां पर कई महीनों युद्ध के नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सका है।