मंत्रिमंडल बैठक में भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी….पढ़ें और क्या है जरूरी
Ashoka Times….24 January 2025

हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में बैठक की गई। बैठक शुक्रवार को धर्मशाला में आयोजित हुई इस दौरान मंत्रिमंडल की बैठक में कईं निर्णय लिए गए जिसमें भांग की खेती को लेकर अध्ययन मंजूरी भी शामिल है।
बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023 में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए लाए गए विशेष राहत पैकेज को जिला कुल्लू के तांदी गांव में आग की घटना से प्रभावित परिवारों के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया। पैकेज के तहत तांदी गांव के प्रभावित परिवारों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए सात लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपये और गोशालाओं के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 30 जून 2025 तक मकान के किराए के भुगतान के लिए 5,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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कश्मल की जड़ों के निष्कर्षण को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान(एआइएमएसएस) चमियाणा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में रोबोटिक सर्जरी के लिए 56 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनरी और उपकरणों की खरीद को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने वन विभाग के पिछले आदेश में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर 15 फरवरी 2025 की कट ऑफ तिथि के साथ कश्मल की जड़ों के निष्कर्षण की अनुमति प्रदान की। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश वन उपज पारगमन (लेंड रूटस) नियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार 4 जनवरी 2025 से पहले खुले स्थानों से निकाले गए वन उत्पादों के परिवहन के लिए 15 फरवरी 2025 तक की अनुमति प्रदान की।
भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर और डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा संयुक्त रूप से भांग की खेती पर एक पायलट अध्ययन को मंजूरी दी। यह अध्ययन भांग की खेती के विषय में भविष्य की रूपरेखा का मूल्यांकन और सिफारिश करेगा। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग को इस पहल के लिए नोडल विभाग नामित किया गया। मंत्रिमंडल ने उपायुक्त कार्यालयों में चालकों, सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ तीन मंडलायुक्तों, निदेशक भूमि अभिलेख, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर (मंडी), भू-एकत्रीकरण निदेशालय (शिमला), बंदोबस्त कार्यालय कांगड़ा और बंदोबस्त कार्यालय शिमला के कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को राज्य कैडर के दायरे में लाने को मंजूरी दी। इस निर्णय का उद्देश्य एकरूपता सुनिश्चित कर प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार सुनिश्चित करना है।
इन संस्थानों के नाम बदले….
बैठक में जिला शिमला में राजकीय महाविद्यालय सीमा का नाम राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय सीमा, जीजीएसएसएस, खेल छात्रावास (कन्या) जुब्बल को श्री रामलाल ठाकुर जीजीएसएसएस खेल छात्रावास (कन्या) और ऊना जिला के राजकीय महाविद्यालय खड्ड का नाम मोहन लाल दत्त राजकीय महाविद्यालय खड्ड रखने को भी मंजूरी दी गई। बैठक में रूकी हुई जल विद्युत परियोजनाओं को शुरू करने और शिक्षा विभाग के निदेशालयों के पुनर्गठन पर भी विस्तृत प्रस्तुति दी गई। लोक निर्माण विभाग के लिए 50 बोलेरो कैंपर खरीदने की मंजूरी दी गई।