स्कूली बच्चों की जान ख़तरे में डाल नो एंट्री में एंट्री…
Ashoka Times….4 मई 2024
पांवटा साहिब में रामपुर घाट क्रेशर जोन से लगातार नो एंट्री के समय में भारी भरकम वाहनों को छोड़ा जा रहा है इसके अलावा रामपुर घाट पुलिस भी आंखें बंद कर नियमों का उल्लंघन होने दे रही है।
मुख्यमंत्री के आगमन पर भी लोगों को परेशानी से निजात नहीं मिल पाई रामपुर घाट क्रेशर जॉन से लगातार भारी भरकम वाहनों को छोड़ा जा रहा है जिसके कारण डीसी सिरमौर द्वारा जारी समय सारणी की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आगमन के दिन भी सुबह से ही लगातार भारी भरकम वहां सड़क पर दौड़ते नजर आए जबकि डीसी सिरमौर द्वारा रामपुर घाट देवी नगर मार्ग पर सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक भारी वाहनों के लिए नो एंट्री के आदेश जारी किए हुए।
उधर लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाए की रामपुर घाट चौकी पुलिसकर्मी ₹200 लेकर नो एंट्री में एंट्री दे रहे हैं भारी भरकम वाहनों को स्कूल टाइम में भी दौड़ने की छूट दी जा रही है जो कभी भी घातक साबित हो सकती है।
वही रामपुर घाट देवी नगर मार्ग पर स्कूल टाइम जब इस सड़क पर स्कूली बच्चों की भारी भीड़ होती है उस समय भी बड़े-बड़े वाहन बेख़ौफ़ यहां पर दौड़ते नजर आते हैं ऐसा लगता है कि लोगों द्वारा लगाए गए आरोप कहीं ना कहीं पुलिस को सवालों के घेरे में जरूर खड़ा करते हैं।
जिला प्रशासन के आदेश…
जिला प्रशासन ने खनन सामग्री ढोने वाले ट्राली, ट्रक समेत वाहनों का समय निर्धारित किया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन के निर्देशों को ठेंगे पर रखते हुए कुछ ट्राले नो एंट्री समय पर भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
रामपुर घाट देवी नगर मार्ग के साथ-साथ भानगढ़ ने शिवपुरी रोड पर भी भारी भरकम वहां दिन रात नो एंट्री में दौड़ रहे हैं। जिसको लेकर शुक्रवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने भूगरनी शिवपुर में एकत्रित होकर विरोध किया। इसकी सूचना पुरुवाला थाना पुलिस को कर दी गई। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और इन वाहनों के चालान किए हैं।
ग्रामीणों ने चेताया है कि जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित समय पालन किया जाता रहा। नो एंट्री समय में वाहन दौड़ रहे हैं।
बता दें कि कुछ वर्ष पहले भूगरनी शिवपुर मार्ग पर एक ट्राले ने बाइक सवार वन कर्मी को भी कुचल दिया था। हादसे में नौजवान की जान चली गई थी। तत्कालीन जिलाधीश ने तब से रात १ बजे से सुबह 5 बजे तक भारी वाहनों का समय निर्धारित कर दिया।
उधर पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर नाका लगाकर ऐसे वाहनों से जुर्माना वसूल किया जा रहा है इस वर्ष में अभी तक ₹60 हजार जुर्माना वसूल किया गया है।
कुल मिलाकर भारी भरकम वाहनों को नो एंट्री में रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की बजाय केवल कुछ हजार रुपए जुर्माना कर पुलिस अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है जबकि आम आदमी और उनके मासूम बच्चे सड़कों पर असुरक्षित हैं जो भारीभरकम वाहनों की कभी भी चपेट में आ सकते हैं।
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