Ashoka Times…26 फरवरी 24 पांवटा साहिब
पांवटा साहिब में कांग्रेसी नेताओं का गुंडाराज इस कदर बढ़ गया है कि पहले एक पत्रकार का अपहरण किया जाता है उसके बाद मारपीट कर उसका विडियो वायरल कर दिया जाता है। और इस पूरे मामले में पुलिस मौन होकर तमाशा देख रही है।
पत्रकार जसबीर सिंह ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि शनिवार शाम के समय जब वह अपने घर के पास सैर कर रहे थे उस वक्त उन्हें जोर-जबरदस्ती कर गाड़ी में डाला गया और भाटावाली स्थित क्रेशर पर ले जाया गया। उसके बाद आठ-दस गुंडों ने डराया धमकाया और मारपीट भी की गई। इतना ही नहीं जान से मारने की धमकी दी जाती है गुंडों से घिरे पत्रकार को बंधक बनाकर एक विडियो बनाई जाती है इस विडियो में जबरदस्ती पत्रकार के मुंह से शहर के दो कांग्रेसी नेताओं के नाम बुलवाए जाते हैं उन्हें बदनाम किया जाता है और चुनिंदा मिडिया कर्मियों को विडियो भेज कर वायरल करवाई जाती है। इस विडियो में कट पेस्ट कर मिडिया कर्मियों ने अपने ही साथी पत्रकार की सत्यता जानने का बिल्कुल प्रयास नहीं किया बल्कि कांग्रेस आकाओं द्वारा निर्देशों पर आंखें बंद कर काम किया और विडियो वायरल कर दी। ये जाने बिना की विडियो किन हालात में बनाई गई है इसको सोच समझ कर वायरल कर दिया गया।
हैरत इस बात की है इस विडियो को मौके पर बनाने वाले की नाम जद शिकायत पुलिस को सौंपीं गई है। जिस व्यक्ति ने क्रेशर में बंधक पत्रकार की वीडियो बनाई वह अब स्थानीय अधिकारियों से मिलकर पत्रकारों को देख लेने की धमकियां दे रहा है।
वहीं किसी भी व्यक्ति की जबरन विडियो बना कर वायरल करना आईटी एक्ट में एक बड़ा अपराध है किसी भी व्यक्ति की निजता का हनन है जिसके लिए विडियो बनाने वाला और बिना सत्यता को जाने वायरल करने वाला भी इसमें बराबर के दोषी हैं।
वहीं दूसरी ओर पांवटा पुलिस अधिकारियों पर मामला हल्की धाराओं के साथ दर्ज करने का दबाव बनाया गया है जबकि पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य है बावजूद इसके पुलिस अपना काम निष्पक्ष होकर नहीं कर रही है। इस मामले में पुलिस के हाथ अहम सबूत लगे हैं। पुलिस ने मौका एक वारदात पर सीसीटीवी फुटेज भी निकाली हैं। बावजूद इसके चार दिन बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है।
क्या था मामला…
बताया जा रहा है कि पत्रकार द्वारा यमुना नदी में पाइप लाइन डालकर बनाए गए अवैध रास्ते की खबर प्रकाशित की थी जिसके बाद पत्रकार का अपहरण कर भाटावाली स्थित क्रेशर पर ले जाया गया जहां पर पहले उसके साथ मारपीट की गई और फिर जान से मारने की धमकी देकर एक विडियो बनाई गई जिसमें शहर के बड़े दो कांग्रेसी नेताओं के नाम बुलवाए गए। वहीं इस विडियो से अपराध की सारी कलई खुल कर सामने आ गई है। विनाश काले विपरीत बुद्धि जिस विडियो की पुलिस तलाश कर रही थी वो भी आरोपियों ने खुद सामने लाकर अपनी कब्र खोद ली है।
उधर इस पूरे मामले में पुलिस पर FIR नहीं दर्ज करने का भारी दबाव है जिसके कारण चार दिन बाद भी पत्रकार की ओर से दी गई शिकायत पर मामला दर्ज नहीं किया गया है जबकि मेडिकल में पत्रकार को चोटों के निशान आए हैं, पुलिस खुद क्रेशर से पत्रकार को छुड़ाकर लाई है और पत्रकार द्वारा दी गई शिकायत में नाम जद आरोपियों का और वीडियो का पहले ही खुलासा कर दिया गया था।
अब देखना यह है कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार में उनके ही नेताओं की गुंडागर्दी किस हद तक जाती है और वह इस पर कब विराम लगाते हैं।
लोकसभा चुनाव -2024 सभी नोडल अधिकारी अपनी जिम्मेवारी को समझें-सुमित खिमटा
पत्रकार अपहरण मामले में गिरीपार पत्रकार परिषद ने बुलाई आपातकालीन बैठक…
सभी राजनैतिक दल आदर्श आचार संहिता की सख्ती से पालना करें-सुमित खिमटा