आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार…हर रोज 20 लाख से अधिक का नुकसान…
Ashoka Times…19 जनवरी 24 हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश सरकार इस वक्त आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है ऐसे में सरकार के अधिकारी इस आर्थिक संकट को कम करने के बजाय उसे और बढ़ाने पर तुले हैं बल्कि ये कहें कि अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं ।
हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित रामपुर घाट और मानपुर देवड़ा क्रेशर जोन से जमकर खनन तस्करी हो रही है अधिकारियों की मिली भगत से क्रशर माफिया ने यमुना के बीच से उत्तराखंड तक एक अपना ही मार्ग तैयार कर दिया है *अब ना कोई बैरियर और ना ही कोई बॉर्डर* शाम होते ही ढालीपुर उत्तराखंड से सैंकड़ों डंपर यमुना के रास्ते हिमाचल के रामपुर घाट मानपुर देवड़ा क्रेशर जोन में प्रवेश करते हैं और रेत बजरी लेकर वापस उसी रास्ते से लौट जाते हैं ना तो कोई टैक्स ना M. farm ना ही कोई सरकारी झंझट,
इस बीच एक वीडियो हमारे पास पहुंची है जिसमें दावा किया गया है की ढलीपुर से एक रास्ता तैयार किया गया है जिसमें शाम 6 बजे से 7 बजे के करीब डंपर यमुना में जा रहे हैं और उसी रास्ते से लौट कर हिमाचल प्रदेश सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों की माने तो हर रोज रामपुर घाट और मानपुर देवड़ा में जो क्रेशर चल रहे हैं उनसे 20 लाख से अधिक का टैक्स सरकार को जाता है लेकिन पिछले कई महीनो से यह टैक्स कथित तौर पर अधिकारियों और क्रेशर मालिकों की जेब में जा रहा है।
वहीं दूसरी और एक और वीडियो अशोका टाइम्स को भेजी गई है जिसमें यमुना नदी और गिरी में अवैधतौर पर गहरी खुदाई की गई है नियम के अनुसार एक मीटर से अधिक गहरी खुदाई नदियों में नहीं कर सकते लेकिन यहां कईं कईं मीटर यमुना को छलनी कर दिया गया है। आश्चर्यजनक बात है यह है कि ना तो माईनिंग विभाग को इसकी जानकारी है और ना ही अन्य विभागों ने इस और कोई ध्यान दिया है। हालांकि कभी कभार मीडिया में खबर आने के बाद संबंधित विभागों द्वारा आनन फानन में एक दो क्रशर मालिकों और एक दो ट्रैक्टर चालकों के चालान कर खानापूर्ति जरूर कर दी जाती रही है।
उधर दूसरी और सूत्र बता रहे हैं कि कई ऐसे क्रेशर हैं जो कागजों में बंद पड़े हैं लेकिन उन पर पूरी तरह से दिन-रात रेत बजरी तैयार कर अवैध तरीके से उत्तराखंड तस्करी की जा रही है इस पूरी मिली भगत की जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी है लेकिन पैसे की चमक के सामने सभी ने आंख मूंद ली है।
वही इस बारे में माइनिंग विभाग के अधिकारी से कुछ रोज पहले बात कि गई थी उन्होंने ऐसी किसी जानकारी से मना किया था। उन्होंने कहा कि समय-समय पर माईनिंग विभाग कार्रवाई करता है।
हिमाचल प्रदेश की खनिज संपदा की तस्करी को लेकर तुरंत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कड़ा संज्ञान लेना चाहिए ताकि सरकार को करोड़ों रुपए का रिवेन्यू लाया जा सके। वहीं ऐसे अधिकारियों पर भी सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए जो सरकार से तन्खाह लेते हैं और अवैध खनन वालों से रिश्वत।
वही जानकारी के अनुसार उत्तराखंड पुलिस द्वारा इस मिलीभगत के रास्ते को दो बार जेसीबी लगाकर बंद करने का प्रयास किया गया है लेकिन हिमाचल के अधिकारियों की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण इस तस्करी को नहीं रोका जा पा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पांवटा साहिब में इस अवैध तस्करी को कहीं ना कहीं अधिकारियों की सर जरूर है वरना इतना बड़ा तस्करी का रैकेट नहीं चलाया जा सकता।
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