पांवटा सिविल अस्पताल में एक माह से नहीं किये जा रहे मरीज भर्ती…क्या बोले विधायक…
Ashoka Times…25 November 23 paonta Sahib

पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से मरीजों को वार्ड में भर्ती नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण गरीब मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पांवटा सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा डॉक्टर्स को विशेषतौर पर हिदायत दी गई है कि मरीजों को वार्ड में भर्ती न किया जाए, इसके बाद दर्द और बीमारियों से बिलखते मरीज अब निजी अस्पतालों का रुख करने के लिए मजबूर हैं। दरअसल पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में कोरोना काल समय में 6 नर्सिंग स्टाफ को रखा गया था लेकिन कांग्रेस सरकार के आते ही प्रदेश भर से नर्सिंग स्टाफ को हटा दिया गया पांवटा सिविल अस्पताल में भी 6 नर्सिंग स्टाफ को हटाया गया जिसके कारण यहां पर स्टाफ की कमी हो गई और अस्पताल प्रशासन को इस तरह का बेहद असंवेदनशील फैसला लेना पड़ा।

बता दे की पांवटा सिविल अस्पताल 150 बिस्तरों की क्षमता का हॉस्पिटल है लेकिन पिछले एक महीने में अस्पताल के महिला और पुरुष वार्डों में मरीजों को भर्ती नहीं किया गया इसके बाहर लगे बोर्ड इसकी गवाही दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर पांवटा सिविल अस्पताल में सर्जन, एनेस्थीसिया MD सभी तरह के डॉक्टर मौजूद हैं बावजूद इसके ना तो यहां पर सर्जरी हो रही है ना ही एमडी द्वारा मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और ना ही मरीज को मिलने वाली सुविधाएं उन तक पहुंच रही है।
सिविल अस्पताल की स्थिति पहले से भी अधिक बदतर हो चली है गरीब तबके की अधिकतर मरीजों को अपनी जान बचाने के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।
एक जानकारी के लिए बता दें कि पता सिविल अस्पताल पर चार विधानसभा क्षेत्र के लोग निर्भर करते हैं जिसमें रेणुका जी शिलाई नाहन और पांवटा साहब शामिल है लाखों लोगों के लिए पांवटा सिविल अस्पताल बेहद मायने रखता है लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा लिए गए बेहद स संवेदनशील निर्णय से अब मरीजों की जान हलक में फंसी है पुरुष और महिला वार्डन के बाहर लटके बॉर्डर पर 10 अक्टूबर 2023 के बाद मरीज को भारती नहीं किया गया है यानी कि लगभग एक माह इसको हो चुका है।
वहीं सिविल अस्पताल को लेकर जब पता साहब के विधायक सुखराम चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के समय में 6 नर्सिंग स्टाफ को पांवटा सिविल अस्पताल में रखा गया था कांग्रेस सरकार आते ही कॉन्ट्रैक्ट पर रखी गई हिमाचल प्रदेश की सभी नर्सों को हटा दिया गया जिसके कारण पांवटा सिविल अस्पताल में भी नर्सिंग स्टाफ की बेहद कमी है उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत पांवटा सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा करना चाहिए ताकि यहां पर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाए।
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