*पांवटा साहिब में नहीं थम रहे डेंगू के मामले, रोकथाम के लिए प्रयास नाकाफी*
Ashoka Times…17 September 23 पांवटा साहिब

पांवटा साहिब और आसपास के क्षेत्र में डेंगू के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं डेंगू की रोकथाम के लिए किए जाने वाले प्रयास भी ना काफी साबित हो रहे हैं।
पांवटा साहिब में अगर प्राइवेट लैब का टाटा इकट्ठा किया जाए तो हर रोज 40 के करीब डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं जिसके कारण सभी अस्पताल भरे पड़े हैं।
उप मंडल पांवटा साहिब में तेजी के साथ डेंगू मच्छर का संक्रमण फैल रहा है जो कि सीधे-सीधे बड़े संक्रमण की ओर संकेत कर रहे हैं।

अगर स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो अब तक डेंगू को लेकर कोई ठोस और धरातल पर कोई अभियान सामने नहीं आया है जबकि असली खतरा मानसून के आखिरी दिनों में ही होता है। वहीं दूसरी और बेहद तेज गति से फैल रहे संक्रमण के चलते काफी लोगों को हायर सेंटर के लिए रेफर किया जा रहा है पांवटा साहिब के सबसे नजदीक उत्तराखंड के देहरादून में सरकारी और निजी अस्पताल बुरी तरह से भरे पड़े हैं और उत्तराखंड में डेंगू की बीमारी को लेकर मोटी कमाई डॉक्टर द्वारा की जा रही है।
वही पांवटा साहिब में कई परिवार ऐसे भी हैं जहां सभी डेंगू के मच्छर का शिकार हुए हैं और पूरा का पूरा परिवार डेंगू की जानलेवा तकलीफ से जूझ रहे हैं।
डेंगू का मच्छर पनपता कैसे है…
दरअसल डेंगू सांप और खड़े पानी में ठहरता है विशेष तौर पर घरों में और छत पर पड़े पुराने बर्तन खड़े टायर या गमले जिन में बरसाती पानी इकट्ठा हो गया है इस तरह से डेंगू का मच्छर बनता है और पानी से निकलकर वह अपने आसपास के क्षेत्र में लोगों को काटता है और डेंगू का संक्रमण फैलाता है और वह जिसको भी काटता है वह संक्रमित होकर बीमार हो जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को साधारण मच्छर काटते हैं तो वह भी इस संक्रमण को आगे फैला सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू का मच्छर अक्सर दिन में काटता है जिसके कारण यह संक्रमण हमारे शरीर में जाकर तेज बुखार जैसी स्थिति बनाता है । डेंगू में तेज बुखार होता है, समय के साथ इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। डेंगू में लोगों को इस तरह के लक्षण भी हो सकते हैं।
सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द,
मतली- उल्टी आना, पेट की खराबी
आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द
त्वचा पर चकत्ते या लाल रंग के दाने निकलना, इसमें तेजी के साथ प्लेटलेट्स भी कम होते हैं,
यह सब डेंगू संक्रमण के लक्षण है।
कुछ मामलों में गंभीर लक्षणों की स्थिति और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण यह जानलेवा भी हो सकती है। पेट में गंभीर दर्द, लगातार उल्टी आना, मूत्र-मल या उल्टी से खून आने जैसे लक्षण गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।
फिलहाल डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए आम आदमी को खुद ही प्रयास करने होंगे अपने घर और छत पर अगर कहीं बारिश का साफ पानी किसी टायर गमले या घड़े में भरता है तो उसे तुरंत खाली कर दें क्योंकि ऐसे ही जगह पर देने का लारवा बनता है जो आपके साथ-साथ आपके पड़ोस में भी डेंगू को फैला सकता है।
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