साहब शिकायतें तो आपके अस्पताल में भर्ती हैं…. CIVIL HOSPITAL…WATCH VIDEO….
Ashoka Times…19 December
सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों से 60 हजार नगद (Cash) लेकर आप्रेशन करने मामले में अधिकारी शिकायत की मांग कर रहे हैं ताज्जुब की बात है कि Media को शिकायत करने वाले अस्पताल में ही भर्ती हैं जो अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहे।
आखिर पांवटा साहिब अस्पताल की तस्वीर कब बदलेगी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले एक दशक से लगातार मंहगी दवाओं और अब भर्ती मरीजों से निजी अस्पतालों की तर्ज पर मुंह मांगी रकम वसूल की जा रही है बावजूद इसके जिला अधिकारी शिकायत की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि सिविल अस्पताल में हड्डी विशेषज्ञ भर्ती मरीजों से कैश 60 हजार कैश लेकर इलाज कर रहे हैं इसके अलावा उपचार के दौरान हजारों रुपए की दवाई अलग से खरीदनी पड़ रही है सिविल अस्पताल में यह इलाज एक लाख के पार जा रहा है जबकि यही इलाज पहाड़ और आसपास की पंचायतों से आने वाले गरीब तबके के लोगों को मुफ्त में मिलना चाहिए लेकिन यहां खुलेआम मुंह मांगी रकम वसूल कर सरकारी अस्पताल के सभी नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
आपको बता दें कि सोलन जिले सहित मंडी जिले तक से महंगी दवाई के बिल देखने को मिल रहे हैं सवाल यह उठता है कि क्या पांवटा साहिब में यह दवाएं और ऑपरेशन में इस्तेमाल की जाने वाली रॉड और प्लेट उपलब्ध नहीं है अगर नहीं है तो *रोगी कल्याण समिति* जिसमें करोड़ों रुपए आम आदमी की जेब से इकट्ठा किए जाते हैं उस समिति के माध्यम से गरीब तबके के लोगों को यह सुविधा मुहैया क्यों नहीं कराई जाती।
सिर्फ 60 हजार रुपए नहीं दवाओं पर अलग से होता है खर्च…
अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान ₹60000 कैश देने पड़ते हैं और दवाओं का खर्चा अलग से है देखने को मिला है कि ₹60000 देने के बाद उपचार के दौरान लगने वाली दवाओं का खर्चा अलग से वहन करना पड़ता है यह तकरीबन एक लाख रुपए तक जा सकता है आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि दो वक्त की रोटी और आने जाने के किराए के साथ सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोग ₹1 लाख आखिर कहां से खर्च कर पाएंगे उपचार के दौरान कई लोगों ने बताया कि उन्होंने ब्याज पर भी पैसे उठाएं।
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल में मरीजों को इलाज तो मिल रहा है लेकिन वह शायद यह भूल जाते हैं कि यह सिविल अस्पताल है इस अस्पताल में दो वक्त की रोटी मुश्किल से कमा पाने वाले और सिर्फ आने जाने का किराया साथ लेकर चलने वाले जैसे गरीब लोग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं।
वही इस बारे में जिला चिकित्सा अधिकारी अजय पाठक ने कहा अगर उन्हें इस पूरे मामले की शिकायत मिलती है तो वह इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे क्योंकि बिना शिकायत किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं बनती है उन्होंने कहा जब तक भर्ती मरीज शिकायत नहीं करेंगे तब तक कार्यवाही करना मुश्किल है।