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Tuesday, July 1, 2025

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32000 प्रति 10 ग्राम से खरीदें सोने के आभूषण…अक्षय तृतीया विशेष जानकारी…

Ashoka Times…22 April 23 

सोने का मोह कभी किसी का काम नहीं होता।

आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह आम आदमी भी अपने परिवार की ग्रहणियों को सोना देकर खुश रख सकता है वैसे तो आभूषण अमीरों के गले की शोभा बढ़ाते हैं लेकिन अब आधुनिकता के इस संसार में ऐसा नहीं है।

शुद्ध सोना हमेशा 24 कैरट अवस्था में पाया जाता है इस अवस्था में अगर आप आभूषण बनाते हैं तो यह बेहद नरम और मुलायम बनेंगे और जल्द ही खराब हो जाएंगे। भारत में अब 14, 18, 22 कैरेट से सोने के आभूषण बनाए जाते हैं। देखने पर इनमें कोई फर्क नहीं होता क्योंकि अब यह बेहद आधुनिक तरीके से बनाए जाते हैं। अगर हम विदेशों की बात करें तो विदेशों में सबसे अधिक 14 और 18 कैरेट को पसंद किया जाता है क्योंकि इन गहनों का डिजाइन और रंग कभी खराब नहीं होता और चमक भी हमेशा बनी रहती है।

समझिए क्या है 22 और 14 कैरेट सोने आभूषणों का राज…

14 कैरेट के आभूषणों में 58.5 फीसद शुद्ध सोना होता है जबकि इसमें 41.5 फीसद अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं. अगर सोने का भाव 56,000 रुपए प्रति 10 ग्राम है तो 14 कैरेट का सोना 32,666 रुपए के भाव पर मिल जाना चाहिए. यह ज्वेलरी आधुनिक तरीके से बनाई जाती है. इसकी चमक बिल्कुल 22 कैरेट जैसी होती है. इस वजह से हर कोई व्यक्ति 22 और 14 कैरेट की ज्वेलरी के बीच विभेद नहीं कर पाता. कम कैरेट की ज्वेलरी सस्ती के साथ टिकाऊ भी होती है इसीलिए दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ रही है. ऐसे ही 18, 20 और 22 कैरेट के आभूषण आपको बाजार में मिल जाएंगे।

कैसे तय होता है सोने का भाव…

मान लीजिए शुद्ध सोने का भाव 56,000 रुपए प्रति 10 ग्राम है तो 22 कैरेट सोने का भाव 56,000/24 गुणा 22 यानी 51,333 रुपए होना चाहिए. इसी तरह 20 कैरेट सोने का भाव 56,000/24 गुणा 20 यानी 46,666 रुपए प्रति 10 ग्राम होना चाहिए. नियमों के तहत ज्वेलर्स को इसी हिसाब से पैसे लेने चाहिए.

ज्वेलर्स इस पर मेकिंग चार्ज अलग से लगा सकते हैं।

नग (पत्थर) वाली ज्वेलरी से बचें…

कभी-कभी हम ऐसे आभूषण खरीदते हैं जिनमें नग (पत्थर) जड़े होते हैं. अधिकतर ज्वेलर पूरे नग का वजन करते हैं और इसे सोने की कीमत के साथ जोड़ देते हैं. यानी सोने के मूल्य के बराबर इनका दाम लगा दिया जाता है. इसे वापस बेचने पर सामान्य रूप से पत्थर के वजन और अशुद्धता को कुल मूल्य से घटा दिया जाता है. यानी आपने जो सोने के आभूषण खरीदे हैं उनमें लगे नग भी आपने सोने के भाव खरीदे हैं लेकिन जब आप इसे बेचने जाएंगे तो ज्वैलर्स सोने और नागों को अलग कर देते हैं और फिर रेट तय करते हैं।

BIS हॉलमार्क

देश में BIS एकमात्र एजेंसी है, जो सोने की शुद्धता जांचने के लिए हॉलमार्किंग करती है. इस एजेंसी को भारत सरकार ने सोने की शुद्धता जांचने की इजाजत दे रखी है. सोने के सिक्के या गहने कोई भी सोने का आभूषण जो बीआईएस द्वारा हॉलमार्क किया गया है, उस पर BIS का लोगो लगाना जरूरी है. इससे पता चलता है कि बीआईएस की लाइसेंस प्राप्त प्रयोगशालाओं में इसकी शुद्धता की जांच की गई है.

2022 में तय नियम…

उपभोक्ता मंत्रालय के नए नियम के तहत एक अप्रैल से 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा. जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा. इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं.

इसलिए सोना खरीदते वक्त इन 6 डिजिट वाले अल्फा न्यूमैरिक हॉल मार्किंग के निशान को अवश्य देख लें।

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