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पांवटा साहिब बना नशीली दवा तस्करों का गढ़…नौजवान बन रहे शिकार…

ड्रग्स अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में…पढ़ें और जानें कैसे…

Ashoka Times…17 may 2025

गत रोज पहले पांवटा साहिब के सूरजपुर में एक गोदाम से 35 लाख नशीली गोलियां पंजाब नारकोटिक्स विभाग द्वारा सीज़ की गई। ये कोई पहला मौका नहीं है और न ही आखिरी मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर नशे के लिए इस्तेमाल दवाएं बरामद हुई है।

वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश का छोटा सा शहर पांवटा साहिब नशीली गोलियां/सीरप तस्करों व बेचने वालों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र बन कर उभरा है। सबसे बड़ा कारण है यहां के ड्रग्स अधिकारी जो कईं कईं सालों से एक स्टेशन पर ही टिके हुए हैं और अपने AC. दफ़्तरों से बाहर नहीं निकलते, इतना ही नहीं अंतरराज्यीय नशीली दवा तस्करों को बिना जांच किए सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं, सुत्रो की माने तो पांवटा साहिब में गत दिनों किशनपुरा स्थित एक कंपनी को दौबारा से कोडिन सिरप (नशे के लिए करते हैं नौजवान इस्तेमाल) बनाने की परमीशन दी गई है जिसके मालिक से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जम्मू ने 3 लाख से अधिक अवैध नशीली शीशियां बरामद की और इस संगीन अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेजा।

ड्रग्स अधिकारियों की नाक तले मैडिकल स्टोर भी शामिल….!

जहां एक और पांवटा साहिब में बड़े-बड़े दवा तस्कर गिरफ्तार हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर ड्रग्स अधिकारियों की नाक तले कईं मेडिकल स्टोर भी इस तरह की नशीली दवाओं का कारोबार आराम से चला रहे हैं। बता दे कि बिना डॉक्टर की प्रिकॉशन और पर्ची के मेडिकल स्टोर लगातार दवाई बेच रहे हैं आप किसी भी तरह की दवा बिना किसी पर्ची के किसी भी मेडिकल स्टोर से ले सकते हैं। इसके लिए सबसे बड़े जिम्मेदार वह अधिकारी हैं जो मेडिकल स्टोर्स के इस कू-दवा प्रबंधन की जांच ना के बराबर करते हैं। दवाओं की मोटी कमीशन जहां मेडिकल स्टोर्स के खजाने भर रही है वहीं दूसरी और ड्रग्स अधिकारी भी कमीशन खौरी के दल-दल में गोता लगा रहे हैं।

सिरमौर पुलिस की लगातार कामयाबी बता रही ड्रग्स अधिकारियों की कारगुजारियां…

सिरमौर पुलिस अधीक्षक निश्चिंत सिंह नेगी की अगुवाई में लगातार नशीली गोलियां, सीरप, कैप्सूल पकड़े जा रहे हैं। जिला सिरमौर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं है जहां नशीली दवाओं की पहुंच न हो।

सुझाव ….

नाम न छापने की शर्त पर कई ड्रग्स और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सिरमौर ड्रग कंट्रोलर विभाग के अधिकारी अगर समय समय पर दवा कंपनियों, मैडिकल स्टोर्स, कंपनियों के दवा गोदामों का निरिक्षण जिम्मेदारी और इमानदारी से करें तो नशीली दवाओं के कारोबार को 80% प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।। वहीं सरकार को चाहिए की जिस ड्रग्स अधिकारी के क्षेत्र से बल्क में दवाएं बरामद हो उन अधिकारियों की जवाब देही तय की जाए, उनकी जांच की जाए, 3 साल से अधिक किसी भी अधिकारी को एक स्टेशन पर ना रखा जाए। विशेषतौर पर ड्रग्स विभाग में करप्शन को कम करने का यही एक आसान तरीका है।

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