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19 नवंबर…अटल बिहारी वाजपेई ने ऐसे ही नहीं दिया था “दुर्गा” का खिताब… पढ़िये आयरन लेडी इंदिरा की कहानी…

Ashoka Times….19 November 2024

पूर्व में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने उन्हें दुर्गा का खिताब दिया था तो वही उनके साहसिक फसलों के कारण उन्हें आयरन लेडी का नाम भी दिया गया । उनके संघर्ष और साहसिक निर्णय के कारण उन्हें इस नाम से पुकारा गया हम बात कर रहे हैं 19 नवंबर 1917 को जन्म लेने वाली इंदिरा गांधी की।

वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बन कर सामने आई थी। इंदिरा गांधी का जीवन अनेक साहसिक फैसलों और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा रहा था। उनका जन्म आज के दिन 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इंदिरा गांधी के निर्णय लेने की क्षमता को देखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें ‘दुर्गा’ के रूप में संबोधित किया था। उनका नेतृत्व और राजनीतिक दृढ़ता उन्हें आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्धि दिलाई।

पाकिस्तान विभाजन बनाया बांग्लादेश….

भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटने वाली आयरन लेडी की उन्होंने भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित किया। ईस्ट पाकिस्तान (जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है) और वेस्ट पाकिस्तान। 1971 में, इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध के लिए साहसिक निर्णय लिए।

इतना ही नहीं इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारतीय सेना को आदेश दिया। भारतीय सेना ने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के 90,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण करवा लिया, जिससे बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा। इस युद्ध में अमेरिका पाकिस्तान का साथ दे रहा था, लेकिन भारत की विजय ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना दिया।

अगर देश की आर्थिक विकास की बात करें इंदिरा गांधी ने 1969 में 14 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया ताकि इन बैंकों का संचालन आम जनता के हित में किया जा सके इस फैसले ने देश के गरीब और छोटे वर्गों को बैंकिंग सुविधाओं के साथ सीधा जोड़ दिया उन्होंने 1980 के दशक में 7 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।

पोखरण परमाणु परीक्षण…

इंदिरा गांधी के समय में भारत ने 1974 में पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, जिसे ‘Smiling Buddha’ कहा गया। इस परीक्षण ने भारत को परमाणु शक्ति बना दिया और उसकी सैन्य क्षमता को दुनिया भर में स्थापित किया।

आपातकाल: लोकतंत्र पर हमला… विवादित फैसले 

1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया, जिसे भारतीय लोकतंत्र पर एक बड़ा प्रहार माना गया। आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। हालांकि, इस निर्णय की आज भी आलोचना की जाती है, लेकिन इसे इंदिरा गांधी के नेतृत्व की ताकत के रूप में देखा जाता है।

विवादित फैसले….

पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार 1980 में बेहद विवादित रहा इस दौरान भारत के लिए गंभीर चुनौती बनकर खालिस्तान आंदोलन तेजी के साथ आंख की तरह फैल रहा था ऐसे में आंदोलन के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला थे, जिन्होंने स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी आतंकियों का अड्डा बना लिया था। इंदिरा गांधी ने इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया, जिसमें भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसकर आतंकियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में मंदिर को काफी नुकसान हुआ और इसे लेकर सिख समुदाय में भारी आक्रोश था। इस घटना का परिणाम यह हुआ कि इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई।
31 अक्टूबर 1984 को जब इंदिरा गांधी अपने कार्यालय जा रही थीं, तो उनके ही अंगरक्षकों ने उन्हें गोली मार दी। उनकी हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे हुए, और यह घटना भारतीय राजनीति और समाज में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई।

इंदिरा गांधी का जीवन साहसिक फैसलों, संघर्षों और ऐतिहासिक घटनाओं से भरा हुआ था। उन्होंने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में हमेशा याद किया जाएगा, और उन्हें ‘आयरन लेडी’ के रूप में सम्मानित किया जाएगा।

 

 

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