AfricaAmericaAsiaAustraliaHimachal PradeshLifestyleNatureOthersTechTrendingWorld

तेजी से होता जलवायु परिवर्तन…जनवरी में अप्रैल जैसी गर्मी का एहसास…

क्या होंगे परिणाम… पढ़िए इस खबर में…

animal image

Ashoka Times…30 January 2025

जनवरी महिने में जलवायु परिवर्तन की तेजी देखने को मिल रही है। जिस महिने में जबरदस्त ठंड लोगों को घरों में कैद कर लेती थी वहां आज तेज़ धूप कुछ और बंया कर रही है कि सबकुछ ठीक नहीं है।

कहा जाता है कि तिसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा । लेकिन जैसे हालात बन रहे हैं ऐसा लगता है यह युद्ध इस पीढ़ी को देखना नसीब हो सकता है। जिस तेजी से हालात बदल रहे हैं वो दिन दूर नहीं जब सब तबाह हो जाएगा। इस बार हिमाचल सहित सभी पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ने अपना चक्र बदला है। जिसके कारण बर्फबारी भी बेहद कम हुई है और तेजी से पिघल भी रही है। क्योंकि जनवरी माह में दिन के समय गर्मी का तापमान 34 से ऊपर जा रहा है जो कि अपने आप में आने वाले खतरे की ओर संकेत करता है। बेहद कम बारिश और तेज गर्मी के कारण पहाड़ों पर बर्फ कम पड़ेगी, जिसके कारण आने वाले कुछ समय में नदी-नालों में पानी बेहद कम हो जाएगा। ऐसे में पियाऊ और सिंचाई दोनों तरह से इंसान पर मार पड़ेगी। सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त नहीं होने के कारण खाता फैसले भी बेहद कम पैदा होंगी ।

animal image

अवैज्ञानिक तरीके से धरती के भीतर के पानी का जलस्तर गिरा…

वही दूसरी ओर जगह जगह अवैज्ञानिक तरीके से धरती की छाती में ठोके गए बोर से पहले ही धरती का जल स्तर काफी नीचे चला गया है।

*सिर दर्द, सर्वाइकल प्रॉब्लम, माइग्रेन जैसी दिमागी बीमारियों से पाएं राहत….*

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव….

दुनिया भर के ग्लेशियर जैसे आल्प्स, हिमालय, एंडीज या रॉकीज भी हर साल पीछे हट रहे हैं, और कई ग्लेशियर अगले 20-50 वर्षों में पूरी तरह से गायब होने का खतरा है। आर्कटिक समुद्री बर्फ की सीमा और मोटाई भी तेजी से घट रही है। महासागर : बर्फ पिघलने से समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ता है।

प्रकृति से उसकी ताकत से ज्यादा लेना घातक…

प्रकृति की ताकत से ज़्यादा लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि प्रकृति ग्रह पर इतने बड़े पैमाने पर काम करती है कि ज़्यादातर मानवीय गतिविधियां उसके मुकाबले छोटी लगती हैं. प्रकृति से हमें जीवन जीने के लिए ज़रूरी चीज़ें मिलती हैं, इसलिए प्रकृति का संरक्षण करना हमारी ज़िम्मेदारी है.

जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश के पैटर्न में बदलाव हो रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से कई तरह की मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं. जलवायु परिवर्तन की वजह से मानव स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से कई प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया है.

कुल मिलाकर आने वाले समय में वही लोग इस धरती पर जीवित रह पाएंगे जिनके पास पैसा और राजनीतिक ताकत है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह जाएगा। इस लिए अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें, प्लास्टिक इस्तेमाल न करें, जल और बिजली, जैसी बेहद जरूरी चीज़ों का इस्तेमाल सोच समझकर करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *