Crime/ Accident

तिरुपति ग्रुप पर कथित बेनामी संपत्ति खरीदने के आरोप…118 का उलंघन…FIR दर्ज करने की मांग…

Ashoka Times….19 September 2024

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में Tirupati group पर इस्लामिक एजुकेशन सोसाइटी की करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति खरीदने के आरोप लगे हैं। अवैध रूप से हुई इस खरीद फरोख्त में 118 का भी उलंघन किया गया है।

कुछ  ने पुराने ऐसे दस्तावेज जिन्होंने धोखाधड़ी के इस पूरे मामले की पोल खोल कर रख दी।मुस्लिम समाज के गरीब बच्चों के भविष्य को अंधकार की और धकेलने का ये एक बड़ा उदाहरण सामने आया है जहां शिक्षा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन को छीन कर उद्योगपतियों को नीलाम कर दिया गया है । सूत्रों के मुताबिक पांवटा साहिब में सूरजपुर स्थित कथित तिरुपति कंपनी द्वारा इस्लामिक एजुकेशन सोसाइटी की करोड़ों रुपए की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदी गई है। यह जमीन बच्चों की शिक्षा के लिए इस्तेमाल की जानी थी। लेकिन अधिकारियों के साथ मिलकर इस्लामिक एजुकेशन की जमीन को अवैध तरीके से खरीदा गया है। बता दें कि 5 बीघा 7 बिस्वा भूमि पर तिरुपति कंपनी द्वारा कब्जा कर इसका कमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है जो की साफ-साफ हिमाचल प्रदेश सरकार धारा 118 का उल्लंघन है।

सूत्रों की माने तो इस जमीन को उद्योग के मालिक द्वारा एक नेता के नाम पर खरीदा गया है इस लिए ये पूरी तरह से एक बेमानी संपत्ति है। जो कि सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। अगर इस मामले में खरीदी गई इस भूमि के दस्तावेज और करोड़ों रुपए लेन-देन की जांच करवाई जाए तो इस बेनामी संपत्ति का भांडा फोड़ किया जा सकता है।

सूत्रों की माने तो इस जमीन का सौदा कागजों के बाहर 5 करोड रुपए के करीब हुआ है लेकिन रजिस्ट्री सिर्फ एक करोड़ 7 लाख रुपए की दर्शाई गई है। इस एजुकेशन समिति के अध्यक्ष सहित करीब 16 मैंबरों ने एजुकेशन सोसाइटी की जमीन की करोड़ों रुपए की बंदरबांट आपस में कर ली। जबकि इस जमीन पर बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल बनाया जाना था। सिर्फ इतना ही नहीं कथित फार्मा कंपनी के माध्यम से एजुकेशन सोसाइटी को इस जमीन का 1 रूपया भी नहीं दिया गया है बल्कि अध्यक्ष सहित सभी मेंबरों ने आपस में मिल कर अपने बैंक खातों में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया है। इस पूरे मामले के कईं दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए हैं जो यह सब साबित करने के लिए काफी हैं।

उधर इस पूरे मामले को उजागर करने वाले सूत्रों ने कहा कि वह उद्योगपति और इस्लामिक एजुकेशन सोसाइटी के लोगों के नाम जाहिर नहीं कर सकते हालांकि जितनी जानकारी और दस्तावेज उन्होंने मीडिया को दिए हैं उसके आधार पर यह समाचार प्रकाशित किया जा रहा है। वही इस पूरे मामले को लेकर कई विभागों को शिकायत की जा रही है जिसमें पांवटा साहिब तहसील अधिकारी, स्टेट विजिलेंस, डीसी सिरमौर और मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार भी शामिल है।

मुस्लिम बच्चों के साथ नाइंसाफी…

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि करोड़ों रुपए की जमीन पर बच्चों के लिए स्कूल बनाया जाना था लेकिन उद्योगपति और इस्लामिक एजुकेशन सोसाइटी द्वारा अवैध रूप से बेचा ख़रीदा गया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इस बैनामी संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में ले और नियमों का उल्लंघन करने वाले कथित उद्योग मलिक, बेनामी संपत्ति के मालिक और एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष और मेंबरों पर FIR दर्ज की जाए।

वही इस पूरे मामलेको लेकर इस्लामिक सोसाइटी का कोई बयान सामने आता हैतो वह भी निष्पक्ष प्रकाशित किया जाएगा।

वही इस बारे में तहसीलदार पांवटा साहिब ऋषभ शर्मा ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर कईं दस्तावेज शिकायत के साथ मिले हैं अगर यह सभी दस्तावेज जांच में सही पाए जाते हैं तो विभाग कड़ी कार्रवाई के लिए तत्पर रहेगा। हालांकि लगभग एक सप्ताह बाद भी तहसील कार्यालय की ओर से मौके का जायजा नहीं लिया गया है अभी तक अवैध रूप से खरीदी गई बेनामी संपत्ति की जांच शुरू नहीं हो पाई है। संभवतः सफेदपोशों को दाग से बचाने के लिए राजनीतिक संरक्षण भी उद्योगपति और अवैध तरीके से समिति की भूमि बेचने वालों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

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