कईं क्रेशरों पर पड़ी लाखों टन अवैध सामग्री पर आंखों पर बांधी पट्टी…
Ashoka Times…29 जनवरी 24
पांवटा साहिब में भ्रष्टाचार के छींटों को साफ करने के लिए अवैध खनन करने वाले ट्रैक्टर चालकों के चालान किए जा रहे हैं जबकि इनके सुत्रधार क्रेशरों पर पड़े लाखों टन अवैध रेत बजरी मैटेरियल पर खनन विभाग ने आंखों पर पट्टी बांध ली है।
पांवटा साहिब मानपुर देवड़ा और रामपुर घाट में लगातार यमुना और गिरी नदियों से अवैध खनन किया जा रहा है इस अवैध खनन के सबसे बड़े सूत्रधार यहां चल रहे कईं क्रेशर हैं जो अवैध तरीके से खनन संपदा को खरीद कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। वही संबंधित खनन अधिकारी पूरी तरह से आंख मिचकर इस काम में क्रेशर माफिया का साथ देते दिखाई दे रहे हैं । बताया जा रहा है कि मीडिया में खबरें आने के बाद कई ट्रैक्टर चालकों के चालन मानपुर देवड़ा रामपुर घाट में किए गए हैं जो कि अवैध खनन कर क्रेशरों पर माल डालने के लिए जा रहे थे वही बड़े सवाल यह है कि छोटी-छोटी मछलियों के चालान कर केवल खाना पूर्ति की जा रही है जबकि क्रेशरों पर लाखों टन अवैध खनिज संपदा के पहाड़ दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन क्रेशरों पर माइनिंग विभाग अधिकारीयों द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
वहीं स्थानीय लोग जिनमें अवैध खनन के कारण ध्वस्त हो रहे हैं का कहना है कि माइनिंग विभाग फॉरेस्ट और पुलिस इस पूरे गोरख धंधे में संलिप्त हुए बिना इतना बड़ा कारोबार नहीं चलाया जा सकता, बताया जा रहा है कि दिन रात यमुना नदी को छलनी किया जा रहा है और जब भी मीडिया में खबरें आती है तो केवल खाना पूर्ति के लिए इक्का-दुक्का ट्रैक्टरों के चालान कर अखबारों में सुर्खियां बटोर ली जाती है।
बताया जा रहा है कि रविवार को भी ट्रैक्टरों के चालान कर उन बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जो इस अवैध खनन को बढ़ावा दे रही है अगर मानपुर देवड़ा और रामपुर घाट में कुछ क्रेशरों की जांच की जाए तो सामने आएगा कि लाखों टन अवैध खनिज संपदा (गटका) से रेत बजरी बनाई जा रही है।
वही सबसे बड़ी बात आर्थिक संकट से जुंझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार को भी हर रोज़ करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जो पैसा टैक्स के माध्यम से सरकार तक पहुंचना चाहिए वह सीधे माफिया और अधिकारियों की जेब में जा रहा है ।
ऐसी कईं वीडियो और तस्वीरें साल में सामने आई है दिन में मानपुर देवड़ा और रामपुर घाट से यमुना के रास्ते सीधी उत्तराखंड और सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।