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10 लाख फीस लेने वाले कहते है मोह माया छोड़कर ईश्वर में ध्यान लगाओ…

पढ़िए देश के बड़े कथावाचकों की कितनी है फीस…

Ashoka Times…26 may 23 

अक्सर आपने कथावाचकों को कहते सुना होगा कि सब मोह माया है, ईश्वर में ध्यान लगाओ ईश्वर की मुक्ति का एकमात्र मार्ग है इस तरह के उपदेशों से वह लोगों का मन मोह लेते हैं और इसके बदले में मनमानी फीस वसूलते हैं 

दरअसल कथावाचक ओं का असली खेल उनकी चकाचौंध है ईश्वर्य शक्तियों का दर्शन करवाने के लिए लाखों रुपए लाइट और चकाचौंध कर देने वाले टेंटो पर खर्च कर दिए जाते हैं। उसके बाद वो लोग क्रोध ईश्वरीय मार्ग पर आम आदमी को ले जाने का प्रयास करते हैं।

आइए आज हम बताते हैं कि कथा वाचक जो देश में सुप्रसिद्ध है वह अपनी 1 दिन या कुछ घंटे के लिए कितनी फीस लेते हैं….

कथा वाचक देवकीनंदन…

यदि आप देवकीनंदन से कथा करवाते हैं तो उनकी फीस 12 लाख से लेकर 15 लाख तक है। देश में ये टॉप फाइव की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं वृन्दावन वाले देवकीनंदन महाराज की कुल सम्पत्ति 36 हजार करोड़ रूपये है. देवकी नंदन यूट्यूब से 22 लाख रूपये हर माह कमाते हैं. यह अपने कथाओं में अधिकतर श्री कृष्ण द्वारा लिखित उपदेशों को प्रसारित करते हैं।

धीरेंद्र शास्त्री कितनी लेते हैं फीस…

अलग-अलग वेबसाइट पर अलग-अलग जानकारी है. कुछ वेबसाइट ऐसा दावा करती हैं कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक दिन के लिए लगभग 10-15 हजार रुपये चार्ज करते हैं और वो प्रति माह 5-7 लाख रुपये कमाते हैं. तो वही सूत्र बताते हैं कि वह एक प्रोग्राम को 10 से 15 लाख रुपए चार्ज करते हैं। हालांकि आज के समय में वीरेंद्र शास्त्री हिंदुत्व के मुद्दे पर अधिक सक्रिय नजर आते हैं।

जया किशोरी…

एक कथा के लिए जिसमें श्रीमद भागवत कथा होता है, उसके लिए करीब 9 से 10 लाख रुपये तक लेती हैं, आधा बुकिंग के समय ही ले लिया जाता है, बाकी का कथा या मायरा के बाद लिया जाता है।

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की फीस…

अगर आप इनके द्वारा भागवत कराना चाहते हैं तो आपको दो-तीन महीने पहले ही बुकिंग करानी पड़ेगी और आपको बता दें यह अपने एक प्रवचन के लिए 7 से 12 लाख रुपए लेते हैं।

इस तरह भारत में टॉप कथावाचक ओ की बात करें तो 100 से अधिक मिल जाएंगे । अधिकतर कथावाचक श्रीमद्भागवत गीता श्री कृष्ण लीला रामायण पर आधारित कथाएं आम जनमानस तक पहुंचाते हैं लेकिन इनकी कथाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने का जो तरीका है जो चकाचौंध है वह अक्सर लोगों को प्रभावित कर जाती है इन सभी के लिए विशेष तौर पर जो बैठने के लिए आसन तैयार किया जाता है उस पर ही 2 लाख से अधिक का खर्चा आ जाता है।

हालांकि इनमें से कई कथावाचकों ने समाज के लिए कई तरह के आश्रम खोले हैं जहां पर आप शिक्षा दीक्षा भी ले सकते हैं इसके अलावा सामाजिक काम भी किए जाते हैं जिसमें वृद्ध आश्रम, गौशाला, बंदरों के लिए खाना, स्ट्रीट डॉग के लिए खाना, स्वास्थ्य व्यवस्था भी दी जाती है हालांकि मुट्ठी भर लोग ही इस तरह के सामाजिक कामों में अपनी कमाई का कुछ अंशदान करते हैं । जबकि बाहरी देशों से इन आश्रमों में करोड़ों रुपए दान कर दिए जाते हैं।

कैसे बनते हैं कथा वाचक…

कथा वाचक बनने के लिए व्यक्ति को धार्मिक पुस्तकों को पढ़ना चाहिए. धार्मिक पुस्तक का अध्ययन करने से धर्म से जुड़ी जानकारी का ज्ञान प्राप्त होता है. धार्मिक पुस्तक के अंतर्गत महाभारत, श्री भगवत गीता, रामचरितमानस, वेद- पुराण, सामवेद, ऋग्वेद, रामायण इत्यदि शामिल होती है.

उसके बाद यह सभी कथावाचक आपको प्रवचन मे बुद्धि प्रदान करते है सब मोह माया है भौतिक सुख का त्याग कर ईश्वर की भक्ति करो, ईश्वर की भक्ति मे परम सुख है इसके अलावा इन सभी के पास ऐसा कोई भौतिक सुख नहीं है जो ना हो, सड़क पर चलने के लिए मर्सिडीज बीएमडब्ल्यू और हवा से सफर करने के लिए विशेष हवाई जहाज कंपनियों के साथ संपर्क है। हालांकि इनकी कथा को सुनने के लिए आम इंसान किस तरह पहुंचते हैं यह कहना मुश्किल होगा।

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