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1 फरवरी, 2024 से हिमकेयर स्वास्थ्य कार्ड को मान्यता नहीं देंगे सिरमौर के निजी अस्पताल…

Ashoka time’s…1 February 24

सिरमौर प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ने कहा कि आठ महीने से अधिक समय से सरकार द्वारा बकाया करोड़ों का भुगतान न करने के कारण निजी स्वास्थ्य संस्थानों को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है

सिरमौर प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ने निजी हॉस्पिटल एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश (पीएचएएचपी) मंडी और कुल्लू चैप्टर की तर्ज पर सिरमौर जिले में भी एक फरवरी, 2024 से हिमकेयर हेल्थ कार्ड पर स्वास्थ्य लाभ देने से इंकार कर दिया है।

उन्होंने आगे कारण बताते हुए कहा कि हिमकेयर और आयुष्मान स्वास्थ्य देखभाल योजना हिमाचल प्रदेश के निवासियों को निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में पूर्ण कैशलेस स्वास्थ्य का वादा करती है जिसमें अस्पतालों को इलाज के बाद सरकार द्वारा भुगतान किया जनता है। सिरमौर प्राइवेट डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा कि निजी अस्पतालों को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि निजी अस्पतालों को आठ महीने से राज्य सरकार से करोड़ों का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान स्वास्थ्य देखभाल योजना भारत की वंचित आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं और जो नागरिक केंद्र सरकार की योजना में शामिल नहीं थे उनके लिए हिमाचल सरकार द्वारा एक समानांतर योजना हिमकेयर शुरू की गई थी।

“अब स्थिति यह है कि राज्य में लगभग हर व्यक्ति के पास यह स्वास्थ्य कार्ड है और वह कैशलेस सुविधा का लाभ उठा रहा है। समस्या इस हेल्थ कार्ड को जारी करने से नहीं है, समस्या यह है कि इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ा है। निजी अस्पताल प्रबंधन को भी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें मरीजों को दवा और अन्य स्वास्थ्य उपकरण खुले बाजार से नकद में खरीदने पड़ते हैं।”

एसोसिएशन ने कहा कि दवा और स्वास्थ्य उपकरण आपूर्तिकर्ता (मेडिसिन एंड इक्विपमेंट सप्लायर) आपूर्ति बरकरार रखने में अनिच्छुक हो रहे हैं क्योंकि उन पर भी निजी अस्पतालों की आपूर्ति के भारी लंबित बिलों का बोझ है और इस स्थिति के कारण सभी पर गंभीर मानसिक और वित्तीय तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।

एसोसिएशन ने यह भी कहा कि उन्हें भारी मन से निर्णय लिया है कि निजी स्वास्थ्य क्षेत्र, जो लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, वे सरकार से आग्रह करेंगे कि उनकी बकाया राशि 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दिया जाए अन्यथा एसोसिएशन के सदस्य मजबूर होकर स्वास्थ्य कार्ड्स लेना बंद कर देंगे क्योंकि इनमें कोई नकदी रकम मिलने की गारंटी नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर निजी स्वास्थ्य संस्थानों का बकाया नहीं चुकाया गया तो फरवरी के पहले सप्ताह में सांकेतिक बंद रहेगा और मांग न माने जाने पर इसे अनिश्चितकालीन समय तक हिमकेयरकार्ड का बहिष्कार किया जायेगा।

“हालाँकि, हम आयुष्मान भारत कार्ड लाभार्थियों की सेवा जारी रखेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि इस स्कीम के अधीन केवल वास्तविक योग्य वंचित आबादी को ही यह विशेषाधिकार प्राप्त है। स्वास्थ्य सरकारी अधिकारियों से अनुरोध है कि वे हमारी दुर्दशा को समझें और राज्य स्वास्थ्य कार्डों का सम्मान न करने के लिए किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य न हों । सिरमौर जिले के लोगों से भी अनुरोध है कि वे हालत की नजाकत को समझें और सहयोग करें,”।

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