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हिमाचल प्रदेश में शहीद की पत्नी बोली न बच्चों को नौकरी मिली न सम्मान…. पढ़िए क्या है मामला…

Ashoka Times….26 july 2024

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बेहद विडम्बना की बात है कि हिमाचल प्रदेश में शाहिद की पत्नी अपने पति को सम्मान दिलाने के लिए खुद लड़ाई लड़ रही ह । शहीद सिपाही तेज सिंह मस्ताना कारगिल युद्ध के दौरान 32 साल की उम्र में देश के लिए गोली खाकर शहीद हुए थे लेकिन आज उनके धर्मपत्नी को अपने पैसे खर्च कर उनके सम्मान को बरकरार रखने के लिए शहीद स्मारक बनाना पड़ रहा है।

मंडी के बल्ह क्षेत्र से 10 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए थे उनकी मूर्ति को स्कूल में स्थापित करने की अनुमति आज तक नहीं मिली है। शहीद सिपाही तेग सिंह मस्ताना कारगिल युद्ध के दौरान नदी पार करते समय दुश्मन की गोली से 32 साल की उम्र में शहीद हुए थे। कई सालों के बाद शहीद की मूर्ति 5 जुलाई 2021 को प्रशासन ने स्याहं में स्थापित की है, मगर परिजन और शहीद की पत्नी ने इसका विरोध किया।

इसे किसी दूसरे की मूर्ति कहकर इसे लगाने से इनकार कर दिया। शहीद की पत्नी बीना देवी ने कहा कि उन्होंने अपने खर्चे से करीब दो लाख रुपये की मूर्ति बनाकर प्रशासन से इसे स्थानीय टांवा स्कूल में लगाने की बार-बार गुहार लगाई लगाई मगर सरकारी तंत्र ने उनकी मांग को नहीं माना। आज उनके शहीद पति की मूर्ति उनके घर पर ही रखी हुई है।

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तीन बेटियां, एक बेटा किसी को नहीं मिली नौकरी

बीना ने बताया कि अब उनकी उम्र 54 वर्ष है। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। आज तक किसी को भी नौकरी नहीं मिली है। सबसे बड़ी बेटी कुसुम लता 32 ने जीएनएम किया है, दूसरी बेटी कमलेश कुमारी 30 ने बीएससी नर्सिंग की है, तीसरी बेटी नेहा कुमारी 28 ने बी फार्मेसी की है तथा और बेटे विपिन 26 ने आईटीआई मेकेनिकल की है।

वही इस बारे मेंं सुशील कुमार उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि उनके पास लिखित में कोई मांग नहीं आई है। मूर्ति स्थापित करने के लिए कई औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है। अगर मांगपत्र आता है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी।

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