हिमाचल प्रदेश में पानी घोटाले को लेकर 10 अफसर सस्पेंड…सफेद पोश भी हैं संलिप्त…?
Ashoka Times….4 January 2025

हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पानी सप्लाई को लेकर 10 अधिकारियों पर सस्पेंशन की गाज गिरी है। वहीं ठेकेदारों को भी ब्लैक लिस्ट करने के आदेश जारी हुए हैं।
इस पूरे भ्रष्टाचार के मामले में राकेश सिन्हा पूर्व माकपा विधायक द्वारा एक करोड रुपए से अधिक का पानी घोटाले की बात पहले ही कही गई थी। उन्होंने यह जानकारी जुटाई और सांझा कर दी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि घोटाले का पानी बाइक, ऑल्टो कार, के- 10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। इसके अलावा एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।
पहाड़ी क्षेत्र में 1000 किलोमीटर चला दी एक दिन में गाड़ी…

इस महा घोटाले में अधिकारियों ने बिना दिमाग लगाए 1 दिन में गाड़ियों को 1000 किमी की रनिंग दिखाई जो पहाड़ों में संभव ही नहीं… जहां सड़क नहीं वहां भी दिखा दी गई पानी की सप्लाई ।
जल शक्ति विभाग के एसीएस ओंकार चंद शर्मा ने सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर एसई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। विजिलेंस के एडीजीपी को डिटेल इंक्वायरी के लिए लेटर लिखा है। सस्पेंड अफसरों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना एसडीओ परनीत ठाकुर, कोटी एसडीओ राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात एसडीओ विवेक शर्मा, ठियोग के जेई मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के जेई सुरेश कुमार, मत्याना के जेई नीम चंद, रिटायर्ड जेई सुदर्शन और धरेच फागू के जेई सुनील कुमार शामिल हैं। सूचना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए उनमें मोटर साइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की गाड़ी भी शामिल हैं। ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौड़ ने भी – सदर से कार्रवाई की मांग की थी।
वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर एक बात फिर साबित हुई है की राजनीतिक चेहरों पर भ्रष्टाचार होने के बाद कोई खास फर्क नहीं पड़ता बल्कि पूरी की पूरी गाज सिर्फ अधिकारियों पर डालकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है, और सफेद पोस लोगों को वापस लोगों की मेहनत का रुपया चूसने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है। इस पूरे मामलेम भी कुछ छुटभैया नेता जरूर शामिल रहे होंगे।
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं कि इस मामले में किसी को भी न बक्शा जाए।