सभी विभाग माफिया पर लगाम लगा पाने में नाकाम…
Ashoka Times…19 October 23 paonta Sahib
हिमाचल प्रदेश की सीमा पर करोड़ों रुपए की खनन संपत्ति पर उत्तराखंड के माफिया की नजर बनी हुई है लगातार पुलिस, फॉरेस्ट और माइनिंग विभाग के नाक में दम कर खुलेआम खनन किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश की यमुना नदी में वर्षा ऋतु के बाद करोड़ों रुपए की खनन संपत्ति आकर लगी है जिसमें रेत, बजरी और बड़े पत्थर शामिल है उत्तराखंड के खनन माफिया लगातार अधिकारियों के नाक में दम किए हुए हैं, सुबह-सुबह पुलिस फॉरेस्ट और माइनिंग के लोगों द्वारा दबिश दी जाती है लेकिन यह लोग भाग कर यमुना के उस पार चले जाते हैं और यमुना के उस पार खड़े होकर असहाय पुलिस फॉरेस्ट और माइनिंग के लोगों का मजाक उड़ाते हैं।
दरअसल कुल्हाल और उसके आसपास खनन में संलिप्त लोग इससे ही अपनी आजीविका कमाते हैं वही यमुना नदी के अपना रुख बदलने से अब यह खनन संपत्ति हिमाचल प्रदेश सीमा के भीतर आ गई है जिसके चलते अब इन पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है ।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड पुलिस, वन विभाग और माइनिंग पूरी तरह से खनन में सम्मिलित इन लोगों को हिमाचल की खनन संपत्ति को लूटने की छूट दे रहे हैं, क्योंकि उत्तराखंड की ओर से महज 100 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी और वन विभाग की चौकी मौजूद है लेकिन उनकी ओर से इन पर किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती।
हमें लगता है कि हिमाचल प्रदेश के उच्च अधिकारियों को उत्तराखंड के बड़े अधिकारियों से संपर्क कर इन खनन माफियाओं पर कार्रवाई करवानी चाहिए वहीं दूसरी और हिमाचल प्रदेश सरकार और माईनिंग विभाग को त्वरित कार्रवाई करते हुए इन पट्टों को लीज पर खोल देना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश सरकार की करोड़ों रुपए आमदनी हो पाए।
दरअसल उत्तराखंड के बड़े खनन माफिया इस पूरे खेल में सम्मिलित हैं वह बेहद कम दामों पर खनन में संबंधित लोगों से बिल्डिंग सामग्री खरीदते हैं और बेहद मोटी आमदनी करते हैं।
वही इस बारे में माइनिंग अधिकारी जिला सिरमौर कुलभूषण ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सीमा पर लाइन ऑफ बॉर्डर को लेकर हमेशा से उलझन रही है लेकिन इस बार यमुना नदी जो कि उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा को बांटती है वह उत्तराखंड की सीमा के साथ लगती हुई बह रही है जिसके कारण भारी मात्रा में खनन संपत्ति हिमाचल प्रदेश की झोली में आई है। लगातार पुलिस, वन विभाग और माइनिंग विभाग की टीमें इस संपत्ति को बचाने का प्रयास कर रही है। जल्द ही उच्च अधिकारियों से बात कर इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा।