Ashoka Times…21 October 23
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में गंभीर बीमारियों के उपचार को आ रहे मरीजों को एमआरआई टेस्ट करवाना है तो मार्च 2024 में आना होगा। अस्पताल में इन दिनों पांच माह बाद की तारीख मरीजों को दी जा रही है। इतनी लंबी तारीख से मरीज परेशान हैं। उनका कहना है कि उपचार में देरी हो सकती है और जान का भी जोखिम हो सकता है। आईजीएमसी में रोजाना हजारों मरीज उपचार के लिए आते हैं.
प्राथमिक जांच के बाद चिकित्सकों ने कई मरीजों को ब्रेन ट्यूमर, दर्दनाक मस्तिष्क की चोट, विकासात्मक विसंगतियां, मल्टीपल स्केलेरोसिस, स्ट्रोक, मनोभ्रंश, संक्रमण और सिरदर्द समेत अन्य बीमारियों का सटीक पता लगाने के लिए यह टेस्ट लिख रखे हैं। अस्पताल में रोजाना 22 मरीजों के एमआरआई होते हैं लेकिन अस्पताल में एक मशीन होने के कारण और मरीजों की संख्या बढ़ने से पांच माह बाद की तारीख दी जा रही है।