Ashoka time’s…6 May 23
स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि हिमाचल प्रदेश के अस्पताल में आने वाले खांसी के हर मरीजों की अब ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोग की जांच होगी।
जिससे की (टीबी)संक्रमितों का समय पर उपचार भी शुरू हो सकेगा।जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. एके सिंह ने बताया कि अभी तक उन्हीं मरीजों के टीबी के सैंपल लिए जाते थे, जिन्हें लंबे समय से खांसी के लक्षण होते थे।
लेकिन अब सभी खांसी के मरीजों को बलगम का सैंपल देना होगा, जिसकी रिपोर्ट भी कुछ समय बाद ही मरीज को मिल जाएगी। विभाग की ओर से टीबी मरीजों का पता लगाने के लिए इस प्रकार का कदम उठाया है।
गौर रहे कि देश और प्रदेश को इन दिनों टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार का भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है। वहीं प्रदेश ने 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य को पाने के लिए महकमे ने गांव स्तर तक टीमों की तैनाती की है। वहीं एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान भी चला हुआ है। इस अभियान के तहत घरद्वार पर जाकर लोगों से खांसी के बारे में पूछा जा रहा है। वहीं टीबी के रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है।
प्रदेश में क्षय रोगियों को चलते-फिरते अस्पताल में इलाज की सुविधा देनी शुरू कर दी। इस मोबाइल वैन की सुविधा का फायदा सीधे तौर पर टीबी रोगियों को मिलेगा। प्रदेश के जिला सोलन से इसकी शुरुआत कर दी गई है।
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