Articles....

साधू सन्यासी क्यों ओढ़ते हैं भगवा रंग…क्या है केसरिया रंग का वैज्ञानिक आधार….

Ashoka Times…7 April 23 

animal image

भगवा रंग देखते ही एक पवित्रता का एहसास होता है आखिर यह पवित्रता इस रंग को देखकर जहन में आती कहां से है। आइए पढ़ते हैं साधु संत भगवा रंग ही क्यों पहनते हैं।

भगवा शब्द… दरअसल भगवा शब्द भगवान शब्द से बना है जिसका अर्थ है पवित्र…

Colour vibration therapy…कलर वाइब्रेशन थेरेपी….

animal image

हजारों सालों की फैक्ट और वैज्ञानिकता के बाद भगवा रंग को कलर ऑफ थेरेपी का नाम भी दिया गया दरअसल यह कलर आपके मस्तिष्क को हैप्पी सिग्नल देता है इसका जिक्र कहीं बड़ी किताबों में देखा जा सकता है।

पौराणिक कारण… केसरिया रंग के पीछे एक पौराणिक बड़ी कहानी भी अक्सर सामने आती है दरअसल पुराणिक समय में साधु संत एक जगह से दूसरी जगह विचरण करते थे इस दौरान वह अपने साथ अग्नि को साथ लेकर चलते थे धीरे-धीरे अग्नि के साथ साधु संत भगवा रंग का ध्वज भी लेकर चलने लगे और धीरे-धीरे यह रंग उनके वस्त्रों में भी बदल गया।

मिट्टी का घड़ा आपकी सेहत पर कैसे डालता है प्रभाव…पढ़िए किन बीमारियों पर…. 

17 घंटे रही सड़क ब्लॉक…जब पैदल पहुंचे मौके पर अधिकारी… छूटे पसीने  

हिंदू धर्म में अग्नि का महत्व… दरअसल अग्नि का महत्व सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं है बल्कि किसी भी सभ्यता में अगर आप चाहेंगे तो अग्नि का एक अलग महत्व है अग्नि को सबसे अधिक पवित्रता का प्रतीक माना जाता रहा है ऐसे में अग्नि के साथ यह केसरिया रंग भी पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

आध्यात्म… आध्यात्म की बात करें तो साधु संत ईश्वर प्राप्ति के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं ऐसे में अध्यात्म में ध्यान बनाए रखने के लिए केसरिया रंग बेहद अहम है यह आपके मन मस्तिष्क को भटकाव से बचाता है आपके दिमाग की अग्रेसिवनस को कम करता है।

ई रिक्शा चालकों की बदसलूकी और बढ़ाए किराए को लेकर एसडीएम को शिकायत…. 

अगर अध्यात्म की बात करें तो भगवा रंग हमें सात चक्रों से जुड़ा नजर आता है शरीर में सात चक्र होते हैं 7 मुख्य रंगों से जुड़े होते हैं यह सभी इंद्रधनुष के रंग में निहित है हर रंग का शरीर का अलग महत्व है लाल चक्र को शरीर का सबसे महत्व माना जाता है यह चक्र हमारे जेनिटल एरिया से जुड़ा रहता है और केसरिया रंग लाल रंग का निखरा हुआ रूप है।

भगवा रंग दो अहम चीजों को दिखाता है। एक संध्या और सूर्योदय दूसरा अग्नि। यही कारण है कि यह रंग शुद्धता का प्रतीक माना गया है।

विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद का प्रथम मंत्र ॐ अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम्।।

इस मंत्र का मतलब है, “मैं अग्नि का सम्मान करता हूं, अग्नि के देवता, त्याग के महंत, ज्ञान के दाता”। अग्नि के सबसे करीब भगवा रंग को माना गया है और हिंदू धर्म में अग्नि का महत्व भी बहुत है। केसरिया रंग अग्नि का प्रतीक है इसलिए ही इसका महत्व है।

केसरिया या भगवा चक्र स्वाधिस्थान कहा जाता है। अगर शरीर की सेहत की बात करें, तो यह चक्र बहुत ही महत्वपूर्ण समझा जाता है। इसे यूरिनरी हेल्थ से भी जोड़कर देखा जाता है। बौद्ध धर्म में भी भगवा रंग को खुशहाली का प्रतीक माना गया है।

ऐसे में अगर साइंटिफिक रीजन देखें, तो हम पाएंगे कि साधु-संतों द्वारा भगवा पहनना सेहत के लिए भी अच्छा है। इस रंग में आध्यात्मिक शक्ति और हीलिंग पावर मानी गई है।

ASHOKA TIMES की स्टोरी अच्छी लगे, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।   

अगर चेक बाउंस हो गया है तो घबराएं नहीं…जेल और सजा से बचने के ये हैं उपाय…. 

गैस पर रोटी फुलाकर खाते हैं तो हो जाइए सावधान…आपकी सेहत से जुड़ा है मामला… 

लोन लेने वाले की अचानक हो जाए मौत…पढ़िए कौन चुकाता है लोन… 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *