सनातनी घरों में क्यों नहीं जलाई जाती अगरबत्तियां… पढ़िए क्या है वैज्ञानिक आधार
Ashoka Times…2 may 23

हमारा सनातनी धर्म पूरी तरह से वैज्ञानिकता के आधार पर स्थापित हुआ है यही कारण है कि हजारों साल बाद भी है अमऋत्व का रस लिए लोगों को जीवन दे रहा है। सनातनी धर्म में अगरबत्ती जलाना शुरू से ही मना किया गया है इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है कि सनातन धर्म में आप घर में बांस नहीं जलाया जाता और अगरबत्ती में बांस की लकड़ी का इस्तेमाल होता है।
“आगे हम बताएंगे कि बांस में आखिर कौन से तत्व है जो बेहद हानिकारक है”
Agarbatti Jalane Se Jude Niyam:

सनातन धर्म में अगरबत्ती जलाने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं विशेष तौर पर दिन निर्धारित किए गए हैं जिसमें अगरबत्ती कतई नहीं जलानी चाहिए पूजा-पाठ के दौरान घरों में या मंदिरों में अगरबत्ती जलाई जाती है। हालांकि हिन्दू धर्म में अगरबत्ती जलाने की मनाही होती है क्योंकि अगरबत्ती बांस से बनती है और सनातन परंपरा में बांस जलाना अशुभ माना गया है। इससे पितरों का क्रोध बढ़ता है और पितृ दोष लगता है।
इसके बाद भी ज्यादातर घरों में अगरबत्ती जलाई जाती है। ऐसे में इसे जलाने से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है। इन्हीं नियमों से एक है अगरबत्ती को दिन के अनुसार जलाना। यानी कि किस दिन अगरबत्ती जलानी चाहिए और किस दिन नहीं इस बात का ध्यान रखना।
ज्योतिष एक्सपर्ट जानकारी के आधार पर आज हम आपको किस दिन अगरबत्ती जलानी चाहिए और किस दिन अगरबत्ती जलाने से बचना चाहिए इस बात की संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही, हम आपके साथ इसके पीछे का तर्क भी साझा करेंगे।
कई घरों में पूजा-पाठ के दौरान या आरती के बाद अगरबत्ती जलाई जाती है।अगरबत्ती जलाने के कई लाभ भी होते हैं जैसे कि वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अगरबत्ती किस दिन जलानी चाहिए…agarbatti kis din jalaye
पुरातन समय में अगरबत्ती विशेष जड़ी बूटियों के साथ देसी घी मिलाकर बनाए जाते थे लेकिन आज उनके स्थान पर सुगंध के लिए कई हानिकारक कैमिकल मिलाए जाते हैं जिसके कारण वातावरण में सकारात्मकता और शुद्धता की जगह नकारात्मकता और पोलूशन ज्यादा होता है जो हमारी सेहत को भी नुकसान करता है।
सबसे पहले तो अगर घर में अगरबत्ती जलानी है तो कोशिश कीजिए कि ऑर्गेनिक और पुरातन समय के आधार पर बनाए जाने वाली विधि से बनी अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाए।
बता दें कि पैसे अगरबत्ती मंदिर में जलाना शुभ होता है। घरों के लिए अगरबत्ती का प्रयोग वर्जित माना गया है। फिर भी अगर आप अगरबत्ती चलाना चाहते हैं तो विशेष तौर पर रविवार और मंगलवार को अगरबत्ती बिल्कुल भी ना जलाएं यह दो दिन है रविवार और मंगलवार धर्म शास्त्रों में वर्णित जानकारी के अनुसार, जहां एक ओर रविवार के दिन अगरबत्ती जलाने से सूर्य की स्थिति कमजोर होती है वहीं, मंगलवार के दिन पूजा-पाठ के दौरान अगरबत्ती जलाने से मंगल दोष लगता है और मंगल भारी होता है।
वहीं, इसका एक कारण यह भी है कि रविवार और मंगलवार के दिन बांस नहीं जलाया जाता है।
मान्यता है कि इन दो दिनों में बांस जलाने से आर्थिक संकट बढ़ता है और परिवार में कलह उत्पन्न होती है। पारिवारिक माहौल तनावग्रस्त और घर की उन्नति रुक जाती है।
सनातन में आखिर बांस घर में चलाना क्यों है मना…
दरअसल बांस के जलाए जाने से उत्पन्न होने वाला दुआ बेहद खतरनाक होता है। बांस में सीसा, कैडमियम और पारा जैसी भारी धातुएं जमा होती हैं और जलने से उनके हानिकारक ऑक्साइड का उत्पादन हो सकता है । इसके अलावा, इन बांस आधारित अगरबत्तियों को जलाने से फॉर्मलडिहाइड, बेंजीन, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAH) जैसे कई रासायनिक कार्सिनोजेन्स निकलते हैं।
हम पूजा पाठ नियम अनुसार करते है तो इनका लाभ कई गुना बढ़कर हमें मिलता है पुरातन समय में जो नियम बनाए गए थे वह कहीं ना कहीं वैज्ञानिकता के आधार पर बनाए गए हैं हालांकि पूर्व वैज्ञानिकता आधारों को अब धीरे-धीरे अंधविश्वासों की और भी धकेला जा रहा है हालांकि ये आपके विवेक पर है कि आप अध्यात्म और सनातन में वैज्ञानिकता के आधार पर की जाने वाली पूजा पाठ को करते हैं या अंधविश्वास और अज्ञानता की और खुद को धकेलते हैं।
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