Ashoka Times…3 मई 2025
संजौली में स्थित विवादित मस्जिद मामले में नगर निगम की अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी मस्जिद को गिराने के आदेश जारी कर दिए हैं। निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री की अदालत में आज मामले की सुनवाई हुई, जिसके बाद यह अहम निर्णय लिया गया।
इससे पहले, अदालत ने वक्फ बोर्ड को मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेजों के साथ मस्जिद का नक्शा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। हालांकि सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड के वकील न तो मालिकाना हक साबित करने वाले पर्याप्त दस्तावेज पेश कर सके और न ही मस्जिद के निर्माण का कोई आधिकारिक नक्शा प्रस्तुत कर पाए।
वक्फ बोर्ड की ओर से यह दलील दी गई कि मस्जिद 1947 से पहले से मौजूद थी और वर्तमान ढांचा उसी के स्थान पर बनाया गया है। इस पर नगर निगम अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूछा कि यदि पुरानी मस्जिद को तोड़कर नया निर्माण किया गया, तो क्या इसके लिए निगम से नक्शा स्वीकृत करवाया गया था और आवश्यक अनुमति ली गई थी या नहीं
अदालत ने पाया कि निर्माण पूरी तरह से नियमों को ताक पर रखकर किया गया है और नगर निगम की कोई अनुमति नहीं ली गई। पौने घंटे तक चली बहस के बाद आयुक्त भूपिंदर अत्री ने फैसला दोपहर एक बजे के बाद सुनाया। अपने आदेश में उन्होंने स्पष्ट किया कि मस्जिद का पूरा ढांचा अवैध है और इसे पूरी तरह से गिराया जाए।
यह निर्णय संजौली क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे विवाद को एक नई दिशा देगा, लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि बिना वैधानिक अनुमति के कोई भी धार्मिक या गैर-धार्मिक निर्माण नगर निगम की नजर में अवैध माना जाएगा।