25.1 C
New York
Sunday, June 22, 2025

Buy now

शिलाई विधानसभा में आज भी गांव सड़क से वंचित… ग्रामीण पलायन को मजबूर…

मंत्री जी अब तो करो उद्धार ….

Ashoka Times…12 April 23 

आजादी के 70 वर्षों बाद भी हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में कई गांव आज भी सड़क से वंचित है सड़क सुविधा से वंचित टिक्कर कुनेर गांव, ग्रामीण पलायन होने को मजबूर हैं।

सिरमौर जिले के बड़वास पंचायत के टिक्कर कुनेर गांव में देखने को मिल रहा है यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन होने को मजबूर हो रहे है साथ ही लोगों के पलायन से घर भी खंडहर बनते जा रहे है। इसके अलावा सड़क की सुविधा न होने से ग्रामीणों को आज भी छह किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।

ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं, मरीजों और बुजुर्गों को हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के दौरान गांव में वोट मांगने पहुंचते हैं, लेकिन चुनाव के बाद गांव की कोई सुध नहीं ली जाती है.

चाहे सरकार BJP की हो या कांग्रेस में पार्टियां और सरकार भले ही हर गांव तक सड़क पहुंचाने का दावा करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. इसका एक उदाहरण

सड़क सुविधा से वंचित टिक्कर कुनेर गांव, ग्रामीण पलायन होने को मजबूर 

शिलाई विधानसभा क्षेत्र के टिक्कर कुनेर गांव सतौन से छह किमी दूरी पर बसा हुआ है. बड़वास पंचायत के पूर्व बीडीसी सदस्य कमलेश कुमार, दिनेश कुमार, विनोद कुमार, सुनील कुमार आदि ने बताया कि गांव जाने के लिए छह किलोमीटर का कठिन पैदल सफर तय करना पड़ता है. गांव में आज भी करीब 30 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं, लेकिन सड़क मार्ग न होने के कारण ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

सबसे ज्यादा परेशानियां ग्रामीणों को बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में होती है. मामूली सिरदर्द की दवाई के लिए भी ग्रामीणों को छह किमी पैदल चलकर सतौन पहुंचना पड़ता है.

लेकिन गांव में किसी भी प्रकार की सुख सुविधाएं नहीं हैं. गांव सड़क मार्ग से न जुड़े होने के कारण ज्यादातर ग्रामीण गांव से सतौन क्षेत्र की तरफ पलायन भी कर रहे हैं। जिस कारण गांव में घर भी खंडहर होते जा रहे है।

खच्चरों पर ले जाना पड़ता है घर का जरूरी सामान….

ग्रामीण कमलेश कुमार ने बताया की गांव तक सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को सतौन से खच्चर पर सामान उठाकर लाना पड़ता है। जिसका किराया बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को मकान का निर्माण कार्य करना होता है तो उसे बहुत मंहगा पड़ता है।

स्कूली बच्चों को जंगल के रास्ते पैदल पहुंचना पड़ता सतौन

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 5वीं कक्षा तक का स्कूल है उसके बाद बच्चों को जंगल का रास्ता तय करके 6 किलोमीटर दूर सतौन पहुंचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमेशा जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है जब तक शाम को बच्चे वापिस घर नहीं पहुंचाते तब तक डर बना रहता है।

पंचायत से सरकार को सड़क बनाने का भेज चुके है प्रस्ताव: प्रधान

बड़वास पंचायत की प्रधान निर्मला देवी ने बताया कि टिक्कर कुनेर गांव में सड़क बनाने को लेकर ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज चुके है।

एफआरआई के अनुमति के लिए वन विभाग को भेजी फाइल: एसडीओ

लोक निर्माण विभाग सतौन के सहायक अभियंता योगेश शर्मा ने बताया कि टिक्कर कुनेर गांव के लिए सड़क बनाने के लिए फाइल तैयार की गई है। लेकिन सड़क में वन विभाग की भूमि आ रही है। जिसकी फाइल तैयार कर एफआरआई के अनुमति के लिए वन विभाग को भेजी गई है। जैसे ही एफआरआई की अनुमति मिलेगी तो तुंरत सड़क की डीपीआर तैयार की जायेगी।

प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा: डीएफओ

वन विभाग श्री रेणुका जी के डीएफओ उर्वशी ठाकुर ने बताया कि टिक्कर कुनेर गांव के सड़क की फाइल आई थी लेकिन उसमें कुछ कागजात की कमी थी इस लिए फाइल को वापिस लोक निर्माण विभाग को भेजी गई थी अगर वन विभाग ने कागजात लगाकर वापिस भेजी होगी तो उस प्राथमिकता के आधार पर उच्च अधिकारियों को भेज दी जायेगी।

महीनों से खुला है सीवरेज का ढक्कन…दो महिलाओं के गिरने की बात आ रही सामने …

4 महीने से नहीं मिली आशाओं को सैलरी…कोरोना वारियर्स का तमगा लौटाने को मजबूर…

पुलिस ने व्यक्ति से 1 किलो 986 चरस की बरामद… पूछताछ जारी 

10 मिनट में हाई ब्लड प्रेशर होगा छूमंतर… Body होगी रिलैक्स…

SDM कर्मचारी छोटे से काम के लिए 6 महीने से कटवा रहे चक्कर…अब होगी जांच 

अजय सोलंकी ने 28 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का निरीक्षण…

 

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles