बिंदल के थाने में बयान दर्ज…युवाओं का भविष्य दांव पर…
Ashoka Times….28 June 2025
पांवटा साहिब के माजरा में दंगों के दौरान पुलिस पर हमलावर एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।वही माननीय हाई कोर्ट में लगाई गई जमानत याचिका भी रद्द कर दी गई है।
कई बार बेरोजगार युवाओं को भड़काना बेहद आसान हो जाता है, लेकिन उसका नफा नुकसान कुछ समय बाद सामने आने लगता है। माजरा में दंगों के दौरान जो आग भड़की उसका खामियाजा अब युवाओं को भुगतना पड़ेगा। और ये खामियाजा वर्षों तक भुगतना होगा।
27 जून को अभियोग संख्या 97/25 dated 13.06.2025 U/S 299, 132, 191(2), 191(3), 190, 351(2), 121(2), 109, 61(2) BNS पुलिस थाना माजरा के संदर्भ मे माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश स्थित शिमला में एक आरोपी रमन कुमार पुत्र बीर सिंह निवासी गांव रामपुर माजरी डा. धौलाकुआं तह. पांवटा साहिब की अंतरिम जमानत याचिका को रद्द किया गया है। जिस पर अभियोग के अन्वेषण हेतु गठित SIT द्वारा आरोपी रमन कुमार उपरोक्त को पूछताछ के बाद समय 02.45 बजे दिन NEW ISBT पुलिस पूछताछ कक्ष शिमला मे नियमानुसार गिरफ्तार किया गया है।
याद दिला दें कि पांवटा साहिब में एक 18 वर्षीय युवती मुस्लिम लड़के के साथ घूमने के लिए गई थी इसके बाद कुछ राजनेताओं ने मौके पर युवाओं को भड़काया और भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया इस दौरान भीड़ के बीच कुछ युवाओं ने पुलिस पर भी घातक हमला किया था। जिसमें तीन पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
साइबर सेल द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही दर्जनों वीडियो की छानबीन की जिसमें कुछ चेहरों को चिन्हित किया गया।
पांवटा साहिब के माजरा-किरतपुर में पुलिस पर तेज धार हथियारों से हमले करने वालों की कुछ तस्वीरें सांझा की गई थी। जिसमें उपद्रवियों के हाथ में तेज धार हथियार, पत्थर और लाठियां नजर आ रही थी।
वहीं दूसरी और माजरा थाना में प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी राजीव बिंदल से पूछताछ की गई है, और उनके बयान भी दर्ज किए गए हैं फिलहाल 27 जून तक पुलिस पर किसी भी गिरफ्तारी कार्यवाही पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है।
पांवटा साहिब में माननीय न्यायालय ने नहीं दिया पुलिस रिमांड… पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। माननीय न्यायालय में रिमांड के लिए ले जाया गया था लेकिन न्यायालय ने फिलहाल उपरोक्त आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड के लिए भेज दिया है।
युवाओं के भविष्य दाव पर…
वही आपको बता दें कि दंगों को भड़काने वाले लोगों पर फिलहाल किसी तरह की कोई भी सख़्त करवाई पर माननीय हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। वही दर्जनों युवाओं पर फिर दर्ज की गई है जिसके कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया है भविष्य में किसी भी सरकारी नौकरी या चरित्र प्रमाण पत्र के दौरान उनके ऊपर दर्ज मामलों से काफी कूप्रभाव पड़ेगा।