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40 किलो वजनी महिला के पेट से निकाली 32 किलो की रसोली…जेसी जुनेजा के डॉक्टर्स का कमाल…

पढ़िए और देखिए कैसे बचाई महिला की जान…

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ASHOKA TIME’S…3 सितंबर

पांवटा साहिब के जेसी जुनेजा अस्पताल में लगभग 32 किलो की रसौली 40 किलो की महिला के पेट से निकाली गई है जिसके बाद अब यह महिला नया सुखद जीवन जी पायेगी।

पांवटा साहिब के जेसी जुनेजा अस्पताल में एक महिला को नई जिंदगी देकर डॉक्टरों ने यह साबित कर दिया कि भगवान के बाद वही इस धरती पर जीवन दे सकते हैं।

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महिला के पेट में दिखाई दे रही 32 किलो से अधिक की रसौली

पातलियों पंचायत की रहने वाली एक महिला जिसका कुल वजन लगभग 40 किलो था और लगभग 32 किलो से अधिक की रसोली उसके पेट में मौजूद थी यानी 40 किलो की महिला थी लगभग उतने ही किलो की उसके पेट में रसोली भी थी। इस महिला का कुल वजन 70 किलो से अधिक था जो अब घटकर 35 से 40 के बीच में रह गया।

अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटिव और डॉक्टर्स की टीम जिनके निर्णय ने बचाई महिला की जान..

कई अस्पतालों ने इस ख़तरनाक ऑपरेशन के लिए मना कर दिया था क्योंकि इसमें सीधे तौर पर महिला की जान को खतरा था ऐसे में जेसी जुनेजा में आखिरी स्टेज पर यह महिला इलाज के लिए पहुंची पहले दौर में जेसी जुनेजा अस्पताल के के सर्जन टीम ने भी यह रिस्क लेने से मना कर दिया लेकिन इस महिला के पति जो कि काफी गरीब हैं उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के बाद वह कहीं और नहीं जा पाएंगे ऐसी स्थिति में जेसी जुनेजा की मैनेजमेंट कमेटी जिसमें डॉक्टर संजीव सहगल और त्यागी जी द्वारा यह रिस्क लेने का निर्णय लिया गया ।

सर्जन डॉ नीलेश सर्जरी के बारे में बताते हुए..

इस बड़ी और खतरनाक सर्जरी के लिए सर्जन डॉ नीलेश जगने द्वारा एक टीम बनाई गई जिसमें डॉक्टर रमन, इकराम, पंचम राणा, अंकुश शामिल रहे, वहीं दूसरी ओर इस बड़ी सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया के लिए भी टीम बनाई गई जिसमें लीड करते हुए डॉ रजत मंगला, डॉक्टर नीरज डॉक्टर मीरा और सिस्टर बेबी द्वारा ऑपरेशन थिएटर में अपनी विशेष दक्षता के साथ काम किया गया और 32 किलो से अधिक की पेट में बनी रसोली सफलता के साथ निकाल दी गई। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान कई बार महिला की पल्स बीपी अप डाउन हुए लेकिन बेहतरीन सर्जन और एनेस्थीसिया की टीम ने उन्हें एक बार फिर रिवाइज किया और सफल ऑपरेशन कर महिला को नई जिंदगी दी।

इस बारे में सर्जन डॉक्टर नीलेश जगने एनएसथीसिया स्पेशलिस्ट डॉक्टर रजत मंगला ने बताया कि अस्पताल एडमिनिस्ट्रेटिव टीम द्वारा बड़ी सर्जरी में साहसी निर्णय लिया गया जिसके बाद हमने मिलकर लगभग 32 किलो की रसोली महिला के पेट से सफलता के साथ निकाल दी गई।

वही इस मौके पर मौजूद ट्रस्टी आरपी तिवारी ने कहा कि जिला सिरमौर में इस वक्त जैसी जुनेजा आम नागरिकों तक बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहा है जिसमें सभी तरह के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद है एक समय ऐसा था जब गंभीर इलाज के लिए चंडीगढ़ देहरादून लोगों को जाना पड़ता था लेकिन अब बड़े अस्पतालों की सुविधाएं जैसी जुनेजा चैरिटेबल अस्पताल में मिल रही है। उन्होंने कहा कि सभी आम नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि वह इस चैरिटेबल अस्पताल के बारे में अधिक से अधिक लोगों तक बात पहुंचाएं ताकि गरीब से गरीब इंसान भी इलाज में लाभ प्राप्त कर सकें।

वही इस बारे में पूर्व में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव सहगल जो इस वक्त जेसी जुनेजा अस्पताल में इंचार्ज हैं उन्होंने बताया कि जेसी जुनेजा में हर तरह की सुविधा इस वक्त हम मरीजों को दे रहे हैं जिसमें ऑर्थो स्पेशलिस्ट यानी हड्डियों के विशेषज्ञ भी मौजूद हैं जो 8 से अधिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जेसी जुनेजा में सभी तरह के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम, सर्जरी सुविधाएं, उच्च तकनीकी टेक्नीशियन मौजूद है इस चैरिटेबल अस्पताल का एक ही मकसद है कि गरीबों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच पाएं। इस मौके पर पादरियों पंचायत के प्रधान सज्जन सिंह और विनय भी मौजूद रहे।

 

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