मदर्स डे स्पेशल…मां से बेहतर गुरु, मित्र दूसरा नहीं है कोई…
Ashoka time’s…14 May 23
माँ, हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण व सर्वश्रेष्ठ होती है।मां शब्द में ही पूरा संसार बसा है। क्योंकि जीवन में जीने के लिए ही हमें उच्च विचार और संस्कार मां से ही मिलते हैं दुनिया में किसी भी चीज को मां की ममता से तोला नहीं जा सकता।
देशभर में मदर्स डे (Mother’s day) हर साल मई के दूसरे हफ्ते में मनाया जाता है।मां को समर्पित ये दिन इस बार 14 मई को मनाया जा रहा है।
आखिरकार मां ही वो इंसान है, जो जन्म देने से लेकर हर सुख-दुख में अपने बच्चे के साथ हमेशा खड़ी रहती है. इसी वजह से मां की अहमियत को शब्दों में बयां कर पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है।
वैसे तो किसी एक दिन को मां के नाम समर्पित करना, किसी के लिए भी काफी नहीं होता है. इसके बावजूद मां के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
तो आइए मदर्स डे के इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि आखिर मातृत्व दिवस मनाने के पीछे की वजह क्या है और इसको कब से मनाया जा रहा है।
मदर्स डे का इतिहास…
मातृत्व दिवस मनाने की शुरुआत अमेरिकन महिला एना जॉर्विस ने की थी. एना जॉर्विस ने मदर्स डे की नींव रखी, लेकिन मदर्स डे को मनाने की शुरुआत औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी।
हर साल मई महीने के दूसरे संडे को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया।तब से अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई देशों में मदर्स डे धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा।
मदर्स डे का महत्व…
वैसे तो हर कोई अपनी मां के महत्त्व को अच्छी तरीके से समझता है। लेकिन इस बात का अहसास मां को नहीं करवा पाता है। ऐसे में मां को उनकी अहमियत का अहसास करवाने और उनको स्पेशल फील करवाने के लिए मदर्स डे को मनाया जाता है।भारत में हर कोई इस दिन को अपने अलग अंदाज में मनाने की कोशिश करता है।कुछ लोग मां को उनका फेवरेट तोहफा या ग्रीटिंग्स देकर मदर्स डे विश करते हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस दिन मां को घर के कामों से छुट्टी देकर बाहर घुमाने भी ले जाते हैं।
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